भोपाल। मध्य प्रदेश के सियासी संकट को खत्म करने की मुहिम को कांग्रेस ने तेज कर दिया है। इसके लिए पार्टी ने असंतुष्ट विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह देने का मन बनाया है। इसके साथ ही कई मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बाहर करने की तैयारी है। बीते एक सप्ताह से चल रहे सियासी घमासान ने सरकार की स्थिरता पर सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस को विधानसभा में पूर्ण बहुमत नहीं है और कमलनाथ सरकार बाहरी समर्थन से चल रही है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सरकार को सपा, बसपा और निर्दलीय विधायकों का समर्थन है। उन्हीं में से कई और कांग्रेस के विधायकों को मिलाकर कुल जमा 10 विधायक लापता हो गए थे। उसके बाद से सरकार के अल्पमत में आने के सवाल उठे। मगर कमलनाथ ने स्थिति संभाल ली। राज्य से लापता विधायकों में से आठ भोपाल लौट आए हैं और उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात कर उनके प्रति अपना समर्थन जताया है।
कांग्रेस विधायक बिसाहू लाल सिंह ने तो मंत्री न बनाए जाने को लेकर अपनी नाराजगी भी जता दी है। वहीं निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा भी मंत्री बनना चाहते हैं। सूत्रों के अनुसार, सभी बागी विधायकों को मुख्यमंत्री की ओर से संतुष्ट करने का भरोसा दिया गया है। कांग्रेस राज्यसभा की तीन में से दो सीटें भी जीतना चाहती है और इसके लिए उसे सरकार को समर्थक विधायकों को अपने पाले में बनाए रखना जरूरी होगा।
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल का मन बना चुके हैं। वर्तमान मंत्रियों में से कई की छुट्टी तय है और असंतुष्ट विधायकों को मंत्रिमंडल में स्थान दिए जाने की संभावना है। जिन मंत्रियों की छुट्टी संभावित है, उनमें कई नाम चौंकाने वाले हो सकते हैं। मुख्यमंत्री आगामी योजना को अंतिम रूप देने के मकसद से दिल्ली में हैं। उनकी कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ मुलाकात संभावित है और इस दौरान कई बड़े फैसले भी हो सकते हैं।
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