इंदौर/भोपाल। मध्य प्रदेश में प्रेमजाल में फंसाकर लोगों को ब्लैकमेल करने वाली महिलाओं की गिरफ्तारी के बाद से कई नौकरशाहों और नेताओं की नीद हराम हो गई है। इस मामले की जांच एसआईटी (विशेष जांच टीम) को सौंपे जाने से उन पर आंच आने का खतरा बढ़ गया है। फिलहाल कई रसूखदार नेताओं और अफसरों के नाम गलियारों में चटखारे लेकर कहे और सुने जा रहे हैं। राज्य में अतिवृष्टि और बाढ़ के कारण बड़े पैमाने पर तबाही हुई है, मगर सियासी गलियारों में हनीट्रैप का मामला ज्यादा गर्म है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सत्ताधारी दल से लेकर विपक्षी दल के नेता एक-दूसरे पर आरोपों की बौछारें किए जा रहे हैं। कांग्रेस को ज्यादा हमलावर होने का मौका इसलिए मिला हुआ है, क्योंकि पकड़ी गई महिलाओं ने अपने कारोबार को बीते एक दशक में खूब फैलाया था और कई लोगों को अपने जाल में फंसाया था। इंदौर के एक इंजीनियर हरभजन सिंह को अपना शिकार बनाकर तीन करोड़ रुपए की मांग करने की कोशिश के बीच उजागर हुए इस मामले के बाद पांच महिलाओं और एक पुरुष की गिरफ्तारी हो चुकी है।
तीन महिलाओं सहित चार तो जेल में हैं, वहीं दो पुलिस हिरासत में हैं, जिनसे लगातार पूछताछ जारी है। इस मामले की सोमवार को ही एसआईटी से जांच का फैसला हुआ है। इससे उन लोगों के चेहरे की चमक गायब हो गई है, जो तीन प्रमुख महिलाओं के जेल भेजे जाने से थोड़ी राहत महसूस कर रहे थे। हनीट्रैप कांड की महिलाओं के एक पूर्व मुख्यमंत्री, तीन से ज्यादा पूर्व मंत्रियों से लेकर वर्तमान सरकार के कुछ मंत्रियों और प्रशासनिक अधिकारियों के रिश्तों की बात लगातार सामने आ रही है।
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