• Aapki Saheli
  • Astro Sathi
  • Business Khaskhabar
  • ifairer
  • iautoindia
1 of 2

लोकसभा चुनाव 2019 : MP में मालवा-निमाड़ खोलेगा किसके किवाड़? 19 को मतदान

भोपाल। मध्य प्रदेश की 8 लोकसभा सीटों पर 19 मई को मतदान के साथ चुनाव पूरे हो जाएंगे और 29 सीटों का तीन दिन तक विश्लेषण चलेगा। अंतिम चरण में मालवा-निमाड़ का मिजाज देखना होगा। हालाकि देवास, उज्जैन, मंदसौर, रतलाम, धार, इंदौर, खरगोन, खंडवा के मतदाताओं की खामोशी ने पूरे प्रदेश में लहर, तूफान या आंधी जैसे शब्दों पर विराम लगा दिए हैं। निश्चित ही मतदाता देख, सुन और समझ सब रहा है लेकिन बोलने से बच रहा है।

जाहिर है इस बार मतदाता नहीं नतीजे बोलेंगे 23 मई को। देवास (अनुसूचित जाति) लोकसभा सीट में सीधा मुकाबला कांग्रेस और भाजपा में है। दोनों ही प्रत्याशी नए हैं। जहां कांग्रेस ने पद्मश्री से नवाजे गए प्रहलाद टिपानिया (कबीर के भजनों के अंतर्राष्ट्रीय गायक) को उतारा है, तो वहीं भाजपा ने कांग्रेस के न्याय का जवाब देने सिविल जज की नौकरी छोडक़र राजनीतिज्ञ बने महेंद्र सिंह सोलंकी पर दांव आजमाया है।

बलाई समाज के करीब साढ़े 3 लाख वोटों पर दोनों की निगाहों ने इसी समाज के प्रत्याशी पर दांव लगाया है। यहां 24.29 प्रतिशत जनसंख्या अनुसूचित जाति तथा 2.69 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति की है। 2009 परिसीमन से पहले सीट का नाम शाजापुर था बाद में कुछ विधानसभाएं जोड़ी गईं तो कुछ हटाई गईं लेकिन मतदाताओं का मिजाज नहीं बदला। अब तक 3-3 बार जनसंघ और कांग्रेस 7 बार भाजपा और 1 बार भारतीय लोकदल को जीत मिली।

जीत का अंतर सबसे कम 1.2 प्रतिशत 1957 में तो सबसे ज्यादा 24.5 प्रतिशत 2014 में रहा। बावजूद इसके विधानसभा में अच्छा प्रदर्शन न करने के चलते मौजूदा सांसद मनोहर ऊंटवाला का टिकट कटने की चर्चाएं हैं। 8 विधानसभा क्षेत्रों में शाजापुर, कालापीपल, सोनकच्छ, हाटपिपल्या में कांग्रेस तो आगर, आष्टा, शुजालपुर, देवास में भाजपा काबिज है। उज्जैन (अनुसूचित जाति) सीट यूं का गढ़ मानी जाती है।

महाकाल की नगरी है और द्वादश ज्योर्तिलिंगों में एक है। एक मिथक भी है कि जो सरकार सिंहस्थ कराती है उसकी विदाई हो जाती है। यहां मुकाबला रोचक है। भाजपा ने मौजूदा सांसद चिंतामणि मालवीय के स्थान पर युवा चेहरा अनिल फिरोजिया जो खटीक समाज से हैं को आगे रख विधानसभा चुनावों की गलती को ढकने की कोशिश की है। वहीं, कांग्रेस ने पूर्व मंत्री और बलाई समाज जो अक्सर निर्णायक होता है, के बाबूलाल मालवीय को चुनावी रण में उतारकर भाजपा से यह सीट छीनने की रणनीति तैयार की है।

यहां 26 प्रतिशत जनसंख्या अनुसूचित जाति तथा 2.3 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति की है। कांग्रेस और भाजपा प्रत्याशी दोनों ही पूर्व विधायक हैं, लेकिन लोकसभा के चुनाव में पहली बार आमने सामने हैं। अब तक भाजपा 7 कांग्रेस 5 जनसंघ 2 तथा 1 बार लोकदल ने चुनाव जीता है। यहां 8 विधानसभा क्षेत्रों में नागदा-खाचरौद, बडऩगर, आलोट, तराना, घट्टिया में कांग्रेस तो महिदपुर, उज्जैन दक्षिण, उज्जैन उत्तर में भाजपा काबिज है। मंदसौर (सामान्य) सीट बेहद हाईप्रोफाइल है।

यह हिंदू और जैन मंदिरों के लिए भी विख्यात है। यहां राहुल ब्रिगेड की मीनाक्षी नटराजन कांग्रेस से जबकि भाजपा से मौजूदा सांसद सुधीर गुप्ता हैं। आरएसएस के गढ़ मंदसौर में 14 में 11 चुनाव भाजपा जीती तो केवल 3 कांग्रेस जीत पाई। यहां 16.78 प्रतिशत जनसंख्या अनुसूचित जाति तथा 5.36 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति की है। प्याज और लहसुन उत्पादक किसानों के चलते मंदसौर चर्चाओं में रहता है। उपज की कीमत नहीं मिलने से 50 पैसे प्रति किलो भी खरीदार नहीं मिल रहे हैं।

ऐसे में प्याज की सडऩ या धांस क्या गुल खिलाएगी नहीं पता, क्योंकि इसी प्याज ने दिल्ली की सत्ता भी बदलवाई है। किसान आंदोलन के दौरान 6 जून, 1917 को पुलिस की गोलियों से 6 किसानों की मौत के बाद भी 8 विधानसभा सीटों में 7 पर भाजपा की जीत काफी कुछ कहती है। विधानसभा जावरा, नीमच, मंदसौर, गरोठ, जावद, मल्हारगढ़, मनासा में भाजपा तो केवल सुवासरा में कांग्रेस काबिज है।

यकीनन यह समीकरण काफी मायने रखते हैं बस देखना यह है कि आंकड़े किस तरह के नतीजों में तब्दील होते हैं। रतलाम (अनुसूचित जनजाति) लोकसभा सीट को 2009 से पूर्व झाबुआ नाम से जाता था। यह नमकीन के लिए प्रसिद्ध है। यहां 73.54 प्रतिशत जनसंख्या अनुसूचित जनजाति तथा 4.51 प्रतिशत अनुसूचित जाति की है। कांग्रेस का मजबूत गढ़ है।

14 बार कांग्रेस तो 2 बार भाजपा को जीत मिली। पांच बार के सांसद, पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया के दबदबे वाली सीट पर कांग्रेस से वो ही उम्मीदवार हैं, जबकि भाजपा ने इंजीनियर से नेता बने एस डामोर को उतारा है, जिन्होंने कांतिलाल के बेटे विक्रांत भूरिया को 2018 के विधानसभा चुनाव में करीब 10 हजार मतों से हराया था। अब लोकसभा चुनाव में विक्रांत के पिता उनके सामने हैं। कांग्रेस में कुछ गुटबाजी है तो मतदाताओं में इंदौर-दाहोद, गोधरा मक्सी रेल लाइन तथा इंदौर-अहमदाबाद फोरलेन का काम पूरा नहीं होने की नाराजगी भी।

अब मतदाता किसे चुनते हैं यह देखना दिलचस्प होगा। आठ विधानसभा क्षेत्रों में जोबट, अलीराजपुर, पेटलावद, थांदला और सैलाना पर कांग्रेस तो झाबुआ, रतलाम ग्रामीण और रतलाम शहर पर भाजपा का काबिज है। धार (अनुसूचित जनजाति) लोकसभा सीट महत्वपूर्ण है। धार को परमार राजा भोज ने बसाया वहीं बेरन पहाडिय़ां और झीलों तथा हरे-भरे वृक्षों ने खूबसूरत बनाया।

1967 से अस्तित्व में आने के बाद कांग्रेस 7 बार 3-3 बार जनसंघ और भाजपा तथा 1 बार भारतीय लोकदल जीती। भाजपा ने मौजूदा सांसद सावित्री ठाकुर की जगह दो बार सांसद रहे छतरसिंह दरबार को जबकि कांग्रेस ने दिनेश गिरवाल को प्रत्याशी बनाया है जो जिला पंचायत से बड़ा कोई चुनाव नहीं लड़े हैं। कांग्रेस ने 3 बार सांसद रहे गजेंद्रसिंह राजूखेड़ी का टिकट काटा है।

ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

यह भी पढ़े

Web Title-Lok Sabha Election 2019 : Malwa and Nimar crucial in madhya pradesh, voting on 19th may
खास खबर Hindi News के अपडेट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक और ट्विटर पर फॉलो करे!
(News in Hindi खास खबर पर)
Tags: lok sabha election 2019, malwa, nimar, madhya pradesh, voting on 19th may, lok sabha chunav 2019, general election 2019, digvijay singh, kamalnath, shivraj singh chauhan, narendra modi, rahul gandhi, hindi news, news in hindi, breaking news in hindi, real time news, bhopal news, bhopal news in hindi, real time bhopal city news, real time news, bhopal news khas khabar, bhopal news in hindi
Khaskhabar.com Facebook Page:

प्रमुख खबरे

आपका राज्य

Traffic

जीवन मंत्र

Daily Horoscope

Copyright © 2024 Khaskhabar.com Group, All Rights Reserved