भोपाल। सन् 1971 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साहस की सराहना करते हुए उन्हें ‘दुर्गा’ कहा था तो उनके ही दल के लोगों ने इसकी कड़ी आलोचना की थी, मगर यह कम लोगों को पता होगा कि इंदिरा गांधी को तो यह उपमा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक गुरु गोलवरकर ने दी थी, अटल ने तो उसे सिर्फ दोहराया था। अटल जी का मध्य प्रदेश से गहरा नाता रहा है, उनका ग्वालियर में जन्म हुआ और यहां उनके चाहने वालों की कमी नहीं है। यही कारण है कि हर कोई उनके साथ बिताए दिनों को साझा कर रहा है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बाबू लाल गौर अपने और अटल जी के बीच हुए संवाद को याद करते हुए संवाददाताओं के बीच साझा करते हैं। वे बताते हैं कि जब भारत ने पाकिस्तान से बांग्लादेश को अलग किया था, तब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अटल जी की मदद ली थी। गौर बताते हैं कि अटल जी को रात 12 बजे प्रधानमंत्री आवास से फोन आता है, इंदिरा गांधी बात करती है और सुबह सेना के गाड़ी से वाजपेयी प्रधानमंत्री आवास पहुंचते हैं।
वहां इंदिरा गांधी से हुई चर्चा के बाद वाजपेयी को विशेष विमान से नागपुर भेजा जाता है, ताकि वे वहां पहुंचकर सरसंघचालक गोलवलकर से बात करा सकें। गौर बताते हैं कि उन्हें अटल जी ने स्वयं बताया था कि उन्होंने (वाजपेयी) गोलवलकर और इंदिरा गांधी की फोन पर बात कराई, इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान को तोडऩे की बात कही और उनका सहयोग चाहा। इस पर गोलवलकर ने हामी भरी और इंदिरा को दुर्गा कहा।
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