भोपाल । नागपंचमी के मौके पर नाग देवता की पूजा का महत्व की बात कर सपेरे आमजन की धार्मिक भावना और आस्था का लाभ उठाने से नहीं चूकते। वे आर्थिक लाभ के लिए सांपों पर अत्याचार करने से भी नहीं हिचकते, मगर अब मध्य प्रदेश में ऐसा करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
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सावन मास और नाग पंचमी के मौके पर हर गली मोहल्लों में सपेरों की बीन की आवाज सुनाई देना आम बात है। ये सपेरे तरह तरह के सांपों का प्रदर्शन करते हैं और धार्मिक महत्व बताकर पूजन के बहाने बड़ी राशि की मांग भी करते हें।
राज्य में नागपंचमी पर्व पर सांपों को पकड़ने एवं प्रदर्शन की रोकथाम के लिये वन विभाग एहतियाती कदम उठाता है। इस बार सांपों पर अत्याचार के साथ उनके प्रदर्शन पर रोक रहे इसके लिए उड़नदस्ता दल बनाकर सतत गश्त करने की योजना बनाई गई है।
जबलपुर के वन मंडल अधिकारी ऋषि मिश्र ने बताया कि सांपों को पकड़ना एवं उनका प्रदर्शन भारतीय वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत अपराध है। इसकी धाराओं एवं उप धाराओं का उल्लंघन करने पर सख्त सजा का प्रावधान है। सपेरों द्वारा सर्पों को पकड़ने के दौरान सर्प घायल हो जाते हैं उनका विषदंत तोड़ने से वे अपनी रक्षा नहीं कर पाते जिसके कारण कई सांपों की मृत्यु भी हो जाती है।
सांपों को पकड़ने एवं प्रदर्शन करने के लिये किसी व्यक्ति को उकसाना भी अपराध की श्रेणी में आता है। राज्य में वन विभाग द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसका मकसद सांपों के प्रदर्शन पर रोक रहे, साथ ही आमजन में जागरूकता आए कि सांपों का प्रदर्शन ठीक नहीं है, यह उनके साथ अत्याचार है।
वहीं दूसरी ओर सपेरों पर भी नजर रखी जा रही है ताकि वे न तो इस मौसम में सांपों को पकड़ सकें और न ही उनका प्रदर्शन कर सकें। सपेरे प्रदर्शन करते पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई भी होगी।
--आईएएनएस
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