भोपाल। मध्य प्रदेश के मंदसौर में पुलिस गोलीबारी में मारे गए किसानों और कर्ज व सूदखोरों से परेशान होकर आत्महत्या कर रहे किसानों को श्रद्घांजलि देने के लिए कांग्रेस और किसानों ने कई अलग-अलग स्थानों पर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर शवासन किया। उन्होंने सरकार से अपना विरोध जताने के लिए नए तरीके शवासन (जमीन पर लेटकर मृत शरीर जैसा दिखाना) किया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
राजधानी में प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव की अगुवाई में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पार्टी दफ्तर के सामने शवासन किया। यादव का आरोप है कि राज्य का किसान बदहाली के दौर से गुजर रहा है। अपना हक मांगने पर उन्हें गोली मार भोपाल। मध्य प्रदेश के मंदसौर में पुलिस गोलीबारी में मारे गए किसानों और
कर्ज व सूदखोरों से परेशान होकर आत्महत्या कर रहे किसानों को श्रद्घांजलि
देने के लिए कांग्रेस और किसानों ने कई अलग-अलग स्थानों पर अंतर्राष्ट्रीय
योग दिवस के मौके पर शवासन किया। उन्होंने सरकार से अपना विरोध जताने के
लिए नए तरीके शवासन (जमीन पर लेटकर मृत शरीर जैसा दिखाना) किया।
राजधानी
में प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव की अगुवाई में कांग्रेस नेताओं और
कार्यकर्ताओं ने पार्टी दफ्तर के सामने शवासन किया। यादव का आरोप है कि
राज्य का किसान बदहाली के दौर से गुजर रहा है। अपना हक मांगने पर उन्हें
गोली मार दी जाती है। उन्हें फसलों का सही दाम नहीं मिल पा रहा है। किसान
आत्महत्या कर रहे हैं, मगर सरकार लापरवाह बनी हुई है। उन्होंने सरकार के
रवैए और किसानों को श्रद्घांजलि देने के लिए शवासन किया।दी जाती है। उन्हें फसलों का सही दाम नहीं मिल पा रहा है। किसान आत्महत्या कर रहे हैं, मगर सरकार लापरवाह बनी हुई है। उन्होंने सरकार के रवैए और किसानों को श्रद्घांजलि देने के लिए शवासन किया।
राजधानी के अलावा कई अन्य जिलों में भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर शवासन किया। किसान संगठनों ने भी अपना विरोध दर्ज कराते हुए कांग्रेस से अलग शवासन किया। हरदा में आम किसान यूनियन ने भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ शवासन किया। केदार सिरोही ने बताया कि उनका यह आयोजन कांग्रेस से अलग था। इसी तरह अन्य स्थानों पर भी किसानों ने अलग से शवासन किया।
ज्ञात हो कि राज्य के किसानों ने एक से 10 जून तक कर्ज माफी और फसल के उचित दाम की मांग को लेकर आंदोलन किया था। इस दौरान छह जून को मंदसौर में पुलिस की गोलीबारी में पांच और पिटाई से एक किसान की जान चली गई थी। इसके बाद बीते नौ दिनों में कर्ज और सूदखोरी से परेशान 15 किसान आत्महत्या कर चुके हैं।
--आईएएनएस
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