भोपाल। मध्य प्रदेश में सत्ताधारी कांग्रेस के विधायक पांची लाल मेड़ा ने शराब माफियाओं पर कार्रवाई न किए जाने से परेशान होकर मुख्यमंत्री कमलनाथ को अपना इस्तीफा भेज दिया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
धार जिले के धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र से दूसरी बार विधायक चुने गए पांची लाल मेड़ा अपने क्षेत्र में शराब माफियाओं के बढ़ते आतंक और उन्हें प्रशासन से मिल रहे संरक्षण से काफी नाराज हैं।
मेड़ा ने शुक्रवार को यहां संवाददाताओं से कहा, "नर्मदा नदी के किनारे और कई शिक्षण संस्थाओं के पास शराब दुकानें खुली हैं। मैं लगातार इन दुकानों को बंद करने की मांग कर रहा हूं, मगर आबकारी विभाग और जिला व पुलिस प्रशासन का ठेकेदारों को खुला संरक्षण हासिल है।"
विधायक मेड़ा ने कहा, "शराब ठेकेदार के इशारे पर मेरा लगातार अपमान किया जा रहा है। पिछले दिनों ठेकेदार ने कुछ महिलाओं को उकसाकर उनसे अभद्र भाषा में फोन कराया। इस बात की शिकायत की तो पुलिस अधीक्षक ने मुझे थाने जाने को कहा। जब मैं थाने पहुंचा तो ठेकेदार कुछ महिलाओं को लेकर थाने पहुंचा, जहां ठेकेदार व महिलाओं ने मुझे घेर लिया। इससे पुलिस अधीक्षक को अवगत कराया तो उन्होंने पीछे दरवाजे से निकल जाने को कहा।"
मेड़ा का आरोप है कि थाने में उन्हें चार घंटे तक बैठना पड़ा, उन्हें अपमानित किया गया। वे थाने में रहे, मगर कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं आया।
मेड़ा इस बात से दुखी हैं कि राज्य में कांग्रेस की सरकार है, उसके बाद भी ठेकेदारों को पुलिस का संरक्षण मिल रहा है।
गौरतलब है कि राज्य में कांग्रेस के लिए एक-एक विधायक महत्वपूर्ण है, क्योंकि राज्य में कांग्रेस की सरकार बसपा, सपा व निर्दलीय विधायकों के समर्थन से चल रही है। राज्य की 230 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 114 विधायक हैं, वहीं भाजपा के 109 विधायक हैं। बहुमत के लिए 116 विधायकों की जरूरत है और यह आंकड़ा दूसरों के सहयोग से हासिल किया गया है। ऐसे में एक विधायक का इस्तीफे का ऐलान कांग्रेस के लिए मुसीबत बन गया है।
--आईएएनएस
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