भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश में फैल रहे कोरोना वायरस को लेकर शिवराज सिंह चौहान और केन्द्र सरकार को आडे हाथ लिया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा है कि मध्य प्रदेश इकलौती ऐसा राज्य है, जहां न तो स्वास्थ्य मंत्री है न ही गृह मंत्री। 12 मार्च को हमने कोरोना से एहतियातन कॉलेज, मॉल आदि में लॉकडाउन कर दिया था। 16 मार्च को मेरे इस्तीफे के बाद भी केंद्र सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया , क्योंकि वे मध्य प्रदेश में सरकार गिराने का इंतजार कर रहे थे।
कमलनाथ ने कहा कि सिर्फ शहरी इलाकों में टेस्टिंग हो रही है। ग्रामीण इलाकों में कितनी टेस्टिंग हो रही है। मध्य प्रदेश में 10 लाख में से कुछ गिने चुने 20-25 लोगों की ही टेस्टिंग हो रही है।
कमलनाथ वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही। कमलनाथ ने कहा कि मैंने 20 मार्च को इस्तीफा दे दिया, लेकिन 23 मार्च को शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद लॉकडाउन की घोषणा की गई। राहुल गांधी ने फरवरी में ही कहा था कि कोरोना वायरस महामारी बड़ी समस्या में बदल जाएगी, लेकिन तब कुछ नहीं किया गया था।
विभिन्न राज्य विधानसभाओं को कोरोना के कारण स्थगित किया गया था, लेकिन हमारी सरकार चली जाए, यह सुनिश्चित करने के लिए संसद चलती रही। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में हमने संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए जांच के लिए कुछ निर्णय लिए थे। हमने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कदम उठाए थे। आठ मार्च को शॉपिंग मॉल, स्कूलों आदि को बंद करने का आदेश दिया था।
उन्होंने यह भी कहा कि जब विधानसभा अध्यक्ष ने घोषणा की कि वह कोविड -19 के खतरे कारण सदन स्थगित कर रहे हैं, तब भाजपा के लोगों ने उनका माजाक उड़ाया था, लेकिन देखिए बाद में पूरे देश में लॉकडाउन है।
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