भोपाल। प्रतिभा के लिए कभी सुविधाओं और संपन्नता की जरुरत नहीं होती, इसका उदाहरण है अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी क्षितिज पर चमकते राष्ट्रीय चेंपियन चमकते विजय प्रजापति। मध्यप्रदेश के शाजापुर जिले के निवासी विजय के पिता ड्राइवर है और उन पर कर्ज भी बहुत है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी विजय प्रजापति ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में कांस्य पदक (55 किग्रा) जीता है। इस स्टार भारतीय भारोत्तोलन खिलाड़ी के बारे में अधिक बात करें तो उन्होंने मेक्सिको में 2022 आईडब्ल्यूएफ यूथ वल्र्ड वेट लिफ्टिंग चेंपियनशिप में पुरुषों के 49 किग्रा इवेंट में कुल 175 किग्रा भार उठा कर रजत पदक भी जीता है।
इस स्टार खिलड़ी का सफर आसान नहीं था, कई उतार-चढ़ाव आए। उनके पिता, जो एक ड्राइवर हैं, के ऊपर काफी कर्ज है और वे पिता को सभी कर्ज से मुक्त करना चाहते हैं। उनका कहना है कि आपके पास न केवल प्रतिस्पर्धात्मकता बल्कि क्षमता भी होनी चाहिए, कभी हार न मानने की, भले ही आप किसी भी परिस्थिति का सामना कर रहे हों।
इतना ही नहीं उन्हें वेट लिफ्टिंग में भी काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। चोट की बहुत संभावना रहती है। चोट से ठीक होना समय लेने वाली प्रक्रिया है। साथ ही फिट रहने और स्वस्थ शरीर रखने के लिए उचित आहार की आवश्यकता होती है। इन चुनौतियों का विजय ने धैर्य, ²ढ़-संकल्प और देश के लिए पदक जीतने की ललक के साथ सामना किया है। खेलो इंडिया यूथ गेम्स ने उन्हें मीलों तक आगे पहुंचने के लिए असाधारण मंच प्रदान किया है।
भारोत्तोलक विजय भविष्य के आकांक्षी के रूप में अपने देश को गौरवान्वित करने और खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए सभी अंतर्राष्ट्रीय मंच पर स्वर्ण पदक प्राप्त करना चाहते हैं।
विजय का कहना है कि आजकल, खेल बहुत अच्छी तरह से बढ़ रहा है और एक खिलाड़ी को खेल से शानदार जीवन जीने में मदद मिल सकती है। उन्होंने कहा कि, मैं बस हर दिन खेल में बेहतर बनना चाहता हूं।
--आईएएनएस
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