भोपाल। भोपाल की ठंडी रात में सन्नाटे को चीरती लोकायुक्त और इनकम टैक्स विभाग की छापेमारी ने एक ऐसी कहानी को उजागर किया, जिसने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया। एक गुमनाम इनोवा कार, जंगल के भीतर खड़ी, अपने भीतर राज़ों का खजाना छुपाए बैठी थी—54 किलो सोना और 9.86 करोड़ की नकदी। लेकिन सवाल अब भी वहीं है: आखिर यह सब है किसका?
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रात की छानबीन और कार का रहस्य
गुरुवार-शुक्रवार की दरम्यानी रात, भोपाल के मेंडोरी इलाके के एक फार्म हाउस में लावारिस खड़ी इनोवा ने जांच एजेंसियों का ध्यान खींचा। कार के शीशों पर आरटीओ का लोगो और अंदर पड़ी नकदी व सोने की चमक, घटनाक्रम को और भी उलझा देने के लिए काफी थी।
लोकायुक्त की जांच में आरटीओ के पूर्व सिपाही सौरभ शर्मा का नाम प्रमुखता से सामने आया। सौरभ का नाम सिर्फ इनोवा की वजह से नहीं, बल्कि उसके अरेरा कॉलोनी स्थित घर और दफ्तर से बरामद हुई बेहिसाब संपत्ति के कारण चर्चा में है।
कहानी के किरदार : सौरभ, चेतन और फार्म हाउस
सौरभ शर्मा : एक मामूली सिपाही से करोड़पति बनने की उसकी यात्रा अब जांच एजेंसियों के रडार पर है। कहा जा रहा है कि सौरभ नाकों पर अवैध वसूली का जिम्मा संभालता था।
चेतन सिंह गौर : इनोवा गाड़ी चेतन के नाम रजिस्टर्ड थी, जो सौरभ का करीबी माना जा रहा है। चेतन का भोपाल में पेट्रोल पंप और अन्य कारोबार हैं।
फार्म हाउस का मालिक : फार्म हाउस विनय आसवानी नामक व्यक्ति का बताया जा रहा है। वह कौन है और उसकी भूमिका क्या है, इसका जवाब अब तक नहीं मिला।
मामले की तह तक जाने वाली कड़ियां
इनोवा कार की खिड़कियों पर लगे आरटीओ के स्टीकर और डैशबोर्ड पर मिली टोपी सौरभ की कहानी की ओर इशारा कर रहे हैं।
कार में सोने की सिल्लियां और नकदी अखबार में लिपटी मिलीं। अखबार की तिथि 6 दिसंबर 2024 थी, जिससे अंदाजा लगाया गया कि नकदी और सोना हाल ही में पैक किए गए।
लोकायुक्त ने सौरभ के घर से 2.34 क्विंटल चांदी, 1.72 करोड़ नकदी, 74 एलईडी टीवी, और महंगे गहने बरामद किए।
रहस्य और सवाल
इस पूरे घटनाक्रम में सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या सौरभ और चेतन इस संगठित अपराध के मुख्य किरदार हैं, या यह कहानी और गहरी है?
पुलिस ने कार सबसे पहले देखी, पर कार्रवाई क्यों नहीं की?
क्या इनोवा सिर्फ दिखावा है, असली खेल कहीं और चल रहा है?
सौरभ शर्मा के विदेश भागने की खबरें इसे और सनसनीखेज बना देती हैं। क्या सौरभ दुबई में सुरक्षित है या जल्द ही एजेंसियां उसे वापस लाने में कामयाब होंगी? इनकम टैक्स और लोकायुक्त विभाग का दावा है कि इस मामले में ईडी और डीआरआई भी शामिल होंगे।
यह कहानी भोपाल के घने जंगलों में खड़ी एक इनोवा से शुरू हुई थी, लेकिन यह यहीं खत्म नहीं होगी। रहस्य, सत्ता और अपराध की यह गाथा अभी अपने सबसे महत्वपूर्ण मोड़ का इंतजार कर रही है।
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