अशोकनगर। महिला एवं बाल विकास विभाग के मुंगावली कार्यालय में तैनात सहायक ग्रेड 3 के बाबू को लोकायुक्त की टीम ने 7 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। यह राशि स्व सहायता समूह की राशि डलवाने के एवज में बाबू ने मांगी थी। बाबू ने पहले ही 3 हजार रुपये ले लिए थे और आज 7 हजार रुपये लिए, जिन्हें लोकायुक्त की टीम ने मौके पर ही पकड़ लिया।
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शिकायतकर्ता रामप्रसाद अहिरवार, जो बांग्ला चौराहा के निवासी हैं, ने लोकायुक्त में शिकायत की थी कि उनकी पत्नी सिया बाई द्वारा चलाए जा रहे जानकी स्वच्छता समूह के चार महीने की राशि नहीं डाली गई थी। समूह को हर माह 20 हजार रुपये मिलने थे, कुल मिलाकर 80 हजार रुपये की राशि लंबित थी। रामप्रसाद ने बताया कि पहले वह राशि डलवाने के लिए 20 प्रतिशत की रिश्वत देते थे, लेकिन कुछ समय बाद यह प्रतिशत बढ़कर 25 प्रतिशत हो गया।
रिश्वत के पैसे कम करने की मांग पर बाबू ने ₹12 हजार में सौदा तय किया। पहले 3 हजार रुपये दिए गए थे और आज ₹7 हजार देने पर बाबू को रंगे हाथ पकड़ा गया। लोकायुक्त की 11 सदस्यीय टीम, जो राघवेंद्र सिंह तोमर के नेतृत्व में थी, ने पहले ही नोटों पर केमिकल लगा दिया था। जैसे ही बाबू ने पैसे दिए, टीम ने उसे पकड़ लिया और पानी में हाथ धोने पर रंग भी दिख गया। रिश्वत की राशि भी जप्त कर ली गई।
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