तिरुवनंतपुरम। पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि केरल के दिग्गज राजनीतिज्ञ 87 वर्षीय आर बालकृष्ण पिल्लई ने सोमवार को कोट्टाराकारा के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पिल्लई की उम्रदराज होने के कारण बीमार थे और कुछ दिनों पहले सांस लेने में तकलीफ के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
हालांकि मरने से पहले उन्हें ये पता चल गया था कि उनके फिल्म स्टार बेटे के बी गणेश कुमार ने कोल्लम जिले के पठानपुरम से अपना पांचवां विधानसभा चुनाव जीत लिया है।
पिल्लई के शानदार राजनीतिक जीवन की शुरूआत 1960 में हुई, जब उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में पठानपुरम से अपना पहला विधानसभा चुनाव जीता और तब उनके पास 2006 तक वापस लौटने का कोई कारण नहीं था, जब वह कोट्टाराकारा में अपनी स्थानीय सीट हार गए थे और उसके बाद उन्होंने चुनावी राजनीति से दूरी बना ली थी।
1964 में वह केरल कांग्रेस पार्टी के संस्थापकों में से एक थे, जो वर्षों में कई विभाजन कर चुके हैं और 1977 के बाद से उन्होंने अपनी पार्टी केरल कांग्रेस का नेतृत्व किया और वाम और कांग्रेस ने यूडीएफ के नेतृत्व के तहत कई मौकों पर राज्य मंत्री रहे।
2006 के विधानसभा चुनावों में अपनी हार के बाद, वह किसी भी चुनाव के लिए खड़े नहीं हुए और 2015 में उन्होंने और उनकी पार्टी ने कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ को छोड़ दिया और सीपीआई एम के नेतृत्व वाले एलडीएफ में शामिल हो गए।
और जब 2016 में पिनारयी विजयन सरकार ने पद संभाला, तो उन्हें कैबिनेट का दर्जा दिया गया।
बालाकृष्ण का अंतिम संस्कार पुनलुर में, दिन में आयोजित किया जाएगा।
--आईएएनएस
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