तिरुवनंतपुरम। केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी को मंगलवार को केरल उच्च न्यायालय से सौर घोटाला मामले में अंतरिम राहत मिल गई। अदालत ने कहा कि फूहड़ पत्र पर दो महीनों तक चर्चा नहीं की जानी चाहिए। चांडी ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश जी. शिवराजन की सौर घोटाले पर न्यायिक जांच रपट को रद्द करने के लिए केरल उच्च न्यायालय में सोमवार को याचिका दायर की थी। यह रपट इस साल की शुरुआत में मुख्यमंत्री पिनरई विजयन को सौंपी गई थी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उच्च न्यायालय ने सरिता नायर द्वारा लिखे गए फूहड़ पत्र के बारे में बोलने के लिए विजयन की निंदा की। सरिता नायर करोड़ों रुपये के सौर घोटाले में प्रमुख आरोपी हैं। अदालत मुख्यमंत्री विजयन के संवाददाता सम्मेलन को लेकर जमकर बरसी, जहां विजयन ने पत्र के बारे में विस्तृत जानकारी दी थी। अदालत ने कहा कि इससे बचा जा सकता था। यह पत्र सरिता नायर द्वारा उसके जेल में रहने के दौरान लिखा गया था, जिसमें चांडी व कांग्रेस के शीर्ष नेताओं द्वारा उसके यौन शोषण की बात कही गई थी।
करोड़ों रुपये के सौर ऊर्जा निवेश घोटाले का खुलासा 2013 में चांडी सरकार के कार्यकाल में हुआ था। इसे सरिता नायर व उसके लिव इन पार्टनर बीजू राधाकृष्णन ने अंजाम दिया था। इसका खुलासा मुख्यमंत्री कार्यालय के कुछ अधिकारियों का दंपति के साथ संबंध होने के कारण हो सका था। हालांकि, अदालत ने यह भी कहा कि मामले की जांच कर रहे अधिकारी आगे की जांच कर सकते हैं।
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