तिरुवनंतपुरम। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) में दरार रविवार को उस समय सामने आ गया जब पार्टी की एक बैठक में माकपा महासचिव सीताराम येचुरी पर पार्टी के कुछ नेताओं ने अपना गुस्सा निकाला। इससे एक दिन पहले येचुरी ने इस बात की पुष्टि की थी कि उनको पार्टी के प्रदेश सचिव कोदियेरी बालाकृष्णन के बेटे के खिलाफ कथित धोखाधड़ी की शिकायत मिली है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
येचुरी ने शनिवार को कहा कि पार्टी को बालाकृष्णन के बड़े बेटे बिनॉय बालाकृष्णन के खिलाफ कथित तौर पर दुबई में 13 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने की शिकायत मिली है।
प्रदेश के कई नेताओं ने बैठक में येचुरी पर उनके भाषण के दौरान अपने गुस्से का इजहार किया और कुछ नेताओं ने कहा कि वह राज्यसभा सदस्य के तौर पर दोबारा उम्मीदवार नहीं बनाए जाने से खफा हैं। बैठक में मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और बालाकृष्णन भी मौजूद थे।
कांग्रेस पश्चिम बंगाल से येचुरी को राज्यसभा सदस्य पद के लिए उम्मीदवार बनाए जाने पर उनको समर्थन देना चाहती थी। माकपा इसके पक्ष में नहीं थी और पार्टी को उच्च सदन में एक सीट गंवानी पड़ी।
येचुरी के खिलाफ रविवार को उभरे विरोध के स्वर से पार्टी में पड़ी दरार उजागर हो गई। हालांकि इसकी शुरुआत येचुरी के पूर्व मुख्यमंत्री वी. एस. अच्युतानंदन को समर्थन देने से ही हुई थी।
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