तिरुवनंतपुरम। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को राहत देते हुए केरल लोकायुक्त ने शुक्रवार को पिछली सरकार द्वारा मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष (सीएमडीआरएफ) के दुरुपयोग से संबंधित मामले को दो न्यायाधीशों की खंडपीठ द्वारा विभाजित फैसले के मद्देनजर पूर्ण पीठ के पास भेज दिया। यह फैसला विजयन के लिए एक अस्थायी राहत के रूप में आया है, क्योंकि जब तक पूरी बेंच अपना फैसला नहीं सुना देती, तब तक वह चैन की सांस ले सकते हैं।
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शीर्ष अदालत के वरिष्ठ अधिवक्ता एमआर अभिलाष ने कहा कि मामले में दम नजर आता है और अब पूरी पीठ फैसला करेगी।
पिछले एक साल से फैसले का इंतजार कर रहे इस मामले में याचिकाकर्ता द्वारा हस्तक्षेप की मांग के लिए पिछले हफ्ते उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के बाद ही इस मामले ने तूल पकड़ा।
उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता को अपनी याचिका के साथ लोकायुक्त से संपर्क करने के लिए कहा और यह फैसला आने के बाद लोकायुक्त ने शुक्रवार को मामले को लेने का फैसला किया।
जन कार्यकर्ता आर.एस. शशिकुमार ने 2018 में मामला दायर किया था, जो सीएमडीआरएफ में धन के दुरुपयोग से संबंधित है।
शशिकुमार ने आरोप लगाया था कि पैसा उन लोगों को दिया गया जो राहत के पात्र नहीं थे। इनमें मृत माकपा विधायक का परिवार, वामपंथी सहयोगी के एक शीर्ष नेता का परिवार, जिनका निधन हो गया, और केरल के एक पुलिस अधिकारी का परिवार भी शामिल था, जिनकी मृत्यु उस समय के शीर्ष नेता सीपीआई (एम), कोडियरी बालकृष्णन के साथ जाते समय उनके वाहन के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से हुई थी।(आईएएनएस)
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