नई दिल्ली। कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ (यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट) ने केरल में एलडीएफ (लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट) सरकार की सिल्वर लाइन परियोजना के खिलाफ गुरुवार को दिल्ली में अपना विरोध प्रदर्शन किया। केरल के यूडीएफ के सांसदों ने संसद के ठीक बाहर विजय चौक पर 'सिल्वर लाइन प्रोजेक्ट' के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान सांसदों और पुलिस के साथ हुई धक्का-मुक्की भी हुई। पुलिस ने प्रदर्शन के दौरान कई सांसदों को जब रोकने की कोशिश की तो उन्होंने पुलिस के साथ धक्का-मुक्की भी की। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस मसले पर कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि वो पीएम से केरल के लोगों की चिंता को देखने और केरल के सीएम को रोकने की कोशिश करने की मांग कर रहे हैं। ऐसी भावना है कि सीपीआई (एम) और बीजेपी इस परियोजना में एक साथ होंगे, और प्रधानमंत्री मोदी इसको अपनी सहमति देंगे।
उन्होंने दावा किया कि सरकार द्वारा प्रस्तावित के-सिल्वर लाइन परियोजना जनविरोधी है। ज्यादातर लोगों को बेदखली का डर सता रहा है। केरल आर्थिक रूप से कमजोर राज्य है, यह आर्थिक रूप से व्यवहार्य परियोजना नहीं है। अब मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन मंजूरी लेने के लिए पीएम से मिलने जा रहे हैं।
दरसअल केरल सरकार का दावा है कि सेमी हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर का यह प्रोजेक्ट केरल के दो छोरों को जोड़ेगा, लेकिन 64,000 करोड़ रुपये की लागत वाले इस प्रोजेक्ट के खिलाफ राज्य में कई राजनीतिक दलों का प्रदर्शन जारी है। वहीं केरल सरकार राज्य में सिल्वर लाइन प्रॉजेक्ट लाना चाहती है, जिसकी जोर-शोर से तैयारी की जा रही है। सरकार के अनुसार सिल्वरलाइन परियोजना से तिरुवनंतपुरम से कासरगोड तक यात्रा समय लगभग चार घंटे तक कम होने की उम्मीद है। इससे आर्थिक विकास होगा, हर साल कार्बन उत्सर्जन में लगभग 2.8 लाख टन की कमी आएगी। इस प्रोजेक्ट को लेकर केरल सरकार ने कई दावे किए हैं, जिस पर विपक्षी राजनीतिक दलों के नेताओं ने सवाल उठाए हैं।
--आईएएनएस
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