तिरुवनंतपुरम। पिछले महीने देश की सबसे बडी अदालत ने केरल स्थित सबरीमाला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दी थी। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय से मुस्लिम महिलाओं को भी प्रेरणा मिली है। केरल का मुस्लिम महिला संगठन ने अब मस्जिदों में महिलाओं के प्रवेश को लेकर कानूनी लड़ाई लडऩे का मन बनाया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
यह संगठन अपनी मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहा है। प्रगतिशील महिला मंच नाम का यह संगठन न केवल मस्जिदों में महिलाओं को इबादत करने की मांग करेगा बल्कि ‘इमामों’ के रूप में उन्हें नियुक्त किए जाने के लिए भी कानूनी रास्ते अपनाएगा। वकीलों से विचार विमर्श करने के बाद जल्द ही इस संबंध में एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की जाएगी।
महिला संगठन का कहना है कि पैंगंबर मोहम्मद ने खुद अपनी पत्नी को मस्जिद में जाने की अनुमति दी थी। गौरतलब है कि 28 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था, जिसमें महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी गई थी।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 साल की महिलाओं के प्रवेश पर लगी रोक हट गई। हालांकि अदालत के आदेश को लागू करने के सरकार के फैसले के खिलाफ अयप्पा श्रद्धालु प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके अलावा विपक्षी कांग्रेस और बीजेपी ने भी एलडीएफ सरकार के रूख का खुलकर विरोध किया है।
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