तिरुवनंतपुरम। केरल में बाढ़ के जख्मों के निशान अब भी हरे हैं। सदी की सबसे
बड़ी त्रासदी से जूझ रहे केरल में अब नई मुसीबत आ गई है। केरल के ज्यादातर
हिस्सों से बाढ़ का पानी तो उतर गया है, लेकिन यहां 'रैट फीवर' नामक बुखार
ने पैर जमा लिए हैं। रैट फीवर के खौफ को देखते हुए राज्य में तीन हफ्ते के
लिए हाई अलर्ट लागू कर दिया गया है। इस बुखार के कारण केरल में 12 मौतें
हो
चुकी हैं। इसके अलावा कई अन्य तरह की बीमारी, बुखार की सूचनाएं आ रही हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
कोझिकोड
और पथानमतिट्टा जिलों में 71 और लोगों में इस बीमारी के लक्षण मिले हैं।
यह बीमारी जानवरों से इंसानों में फैलती है और बाढ़ के दौरान इसका खतरा बढ़
जाता है।
कासरगोड जिले को छोड़कर बारिश और बाढ़ से राज्य के अन्य
सभी 13 जिले प्रभावित हुए हैं। राज्य में लगभग 20 लाख लोग बाढ़ के पानी के
संपर्क में आए हैं जिसके कारण सरकार को इन लोगों से जरूरी उपचारात्मक कदम
उठाने के लिए कहना पड़ा है।
स्वास्थ्य सेवा निदेशालय के अनुसार,
सोमवार को पलक्कड़ और कोझीकोड़ जिलों में लेप्टोस्पायरोसिस के कारण सोमवार
को एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई।
अधिकारियों ने बताया कि राज्य के
विभिन्न अस्पतालों में 71 लोग लेप्टोस्पायरोसिस (रैट फीवर) से ग्रस्त पाए
गए हैं, जबकि 123 लोगों में इस बीमारी के लक्षण मिले हैं। उन्होंने बताया
कि सोमवार को 13,800 से ज्यादा लोगों ने अस्पतालों में विभिन्न बुखारों के
लिए अपना इलाज कराया। इनमें से डेंगू के 11 मामले निकले जबकि 21 संदिग्ध
मामले थे।
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