तिरुवनंतपुरम। केरल महिला आयोग की अध्यक्ष एम.सी. जोसेफिन ने शुक्रवार को अपने पद से इस्तीफा देने का फैसला किया। वह माकपा की केंद्रीय समिति की वरिष्ठ सदस्य हैं। माकपा के राज्य मुख्यालय में हुई पार्टी की एक बैठक में उन्होंने अपने पद से इस्तीफा देने का एलान किया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
एक टीवी चैनल द्वारा आयोजित फोन-इन कार्यक्रम में, जोसेफिन ने एक महिला को जवाब दिया, जिसने अपने पति के घर पर होने वाले उत्पीड़न के बारे में शिकायत करने के लिए फोन किया था। उसने कहा कि उन्होंने पुलिस शिकायत नहीं की थी। जोसेफिन ने कहा: "अगर आपने (वह) नहीं किया है, तो आप पीड़ित होती रहेंगी।"
जोसेफीन और असहाय महिला के बीच आमने-सामने की बातचीत में, जोसेफीन ने "बहुत कठोर और रूखा तरीके से व्यवहार किया, जहां वह पूरी बात के माध्यम से अपनी नाराजगी व्यक्त करती नजर आई" और अंत में, फोन करने वाले ने डिस्कनेक्ट कर दिया।
पूरे विपक्ष, कांग्रेस और भाजपा दोनों ने जोसेफिन की आलोचना की और यहां तक कि उन्हें हटाने की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए।
कांग्रेस की महिला कार्यकतार्ओं ने माकपा मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया, जहां बैठक होनी थी, लेकिन पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
भाजपा की महिला शाखा ने भी आयोग कार्यालय और माकपा कार्यालय के समक्ष अपना विरोध प्रदर्शन किया।
पार्टी में उनके लिए कोई समर्थन नहीं मिलने और बढ़ते विरोध को देखते हुए, जोसेफिन से इस्तीफा देने के लिए कहा गया।
उनका पांच साल का कार्यकाल अगले साल खत्म होना था।
पिछले कुछ दिनों से, राज्य में दूल्हे की ज्यादा दहेज की मांग से परेशान युवतियों द्वारा आत्महत्या करने का सिलसिला देखा गया है। इन तमाम मामलों के बीच जोसेफिन का वह बयान आया, जिसे लोगों ने पसंद नहीं किया।
--आईएएनएस
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