तिरुवनंतपुरम। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने मंगलवार को कहा कि माकपा की केरल इकाई माफिया में बदल गई है। सुरेंद्रन ने मीडिया से बातचीत में कहा कि केंद्रीय समिति के सदस्य और वाम लोकतांत्रिक मोर्चा के संयोजक ई.पी. जयराजन सिर्फ माकपा से जुड़ा मुद्दा नहीं है। सुरेंद्रन ने कहा, वह 2011-16 से राज्य के उद्योग मंत्री थे, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन चुप क्यों हैं? मामले में जांच का आदेश दिया जाए, क्योंकि यह एक सार्वजनिक व्यक्ति द्वारा संपत्ति के संचय की श्रेणी में आता है।
सुरेंद्रन उस विवाद के बारे में सामने आई खबरों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसे अब जयराजन बनाम जयराजन का नाम दे दिया गया है जयराजन। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सत्तारूढ़ माकपा शनिवार (24 दिसंबर) को पार्टी के शीर्ष नेताओं की बैठक में पी. जयराजन के बाद से दोनों नेताओं के बीच झगड़े से हिल गई है। जिसमें आरोप लगाया गया है कि ई.पी. जयराजन - वर्तमान वाम लोकतांत्रिक मोर्चा के संयोजक और राज्य के पूर्व उद्योग मंत्री और उनके परिवार ने भारी संपत्ति अर्जित की थी।
सोमवार (26 दिसंबर) को ई.पी. जयराजन ने पी. जयराजन पर एक सोने की तस्करी करने वाले गिरोह से संबंध रखने और चुनाव खर्च का उचित खाता विवरण प्रस्तुत करने में विफल रहने का आरोप लगाया।
ई.पी. जयराजन के बेटे और पत्नी कंपनी के निदेशक हैं, जो कन्नूर में 30 करोड़ रुपये के आयुर्वेद रिसॉर्ट के मालिक हैं, जिसे 2019 में खोला गया था और यही पी.जयराजन ने आरोप लगाया था।
सुरेंद्रन ने कहा, हर कोई इस बात से हैरान है कि ई.पी. जयराजन और उनका परिवार इतना पैसा कैसे जुटा सकता है और इसका औचित्य यह है कि उनकी पत्नी, जो एक स्थानीय सहकारी बैंक में काम करती थी, को सेवा के अंत में 69 लाख रुपये का लाभ मिला। कोई भी नहीं भूला है कि कब जब नोटबंदी का कार्यक्रम चल रहा था, जयराजन तब भी खबरों में थे। माकपा को लोगों को बताना चाहिए कि ई.पी. जयराजन इतना पैसा कैसे जमा कर पाए।
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