तिरुवनंतपुरम । केरल में पिनाराई विजयन सरकार ने बुधवार को सबरीमाला मंदिर मुद्दे और नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शनकारियों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने का फैसला किया है। राज्य मंत्रिमंडल ने मामलों को वापस लेने का फैसला किया, क्योंकि यह गंभीर आपराधिक मामले नहीं हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
संयोग से विजयन को यह निर्णय लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है, क्योंकि कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष ने कहा है कि अगर वे सत्ता में लौटते हैं, तो वे इन सभी मामलों को वापस ले लेंगे।
विजयन के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए, विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने कहा कि वह इस फैसले का स्वागत करते हैं, मगर इस फैसले में देरी हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि इस बात का भी सभी को पता है कि यह फैसला आगामी विधानसभा चुनावों से पहले क्यों लिया गया है।
इस पर भाजपा नेता कुम्मनम राजशेखरन ने कहा, "सरकार को पहले उन चीजों को स्पष्ट करना चाहिए जिन पर वे मामले हैं, जो गंभीर श्रेणी में आते हैं। हम सभी को उम्मीद थी कि सरकार सबरीमाला में विश्वास रखने वालों के खिलाफ एक पुलिस राज के लिए लोगों से माफी मांगेगी और फिर उन विश्वासियों के खिलाफ दर्ज एक-एक मामले को वापस लेना चाहिए, जिन्होंने मंदिर परंपराओं के उल्लंघन पर विरोध किया था।"
हिंदू नायरों की सामाजिक-सांस्कृतिक संस्था नायर सर्विस सोसाइटी के महासचिव जी. सुकुमारन नायर ने कहा कि यह निश्चित रूप से विजयन सरकार का एक अच्छा कदम है।
नायर ने कहा, "हम यह मांग करने वाले पहले व्यक्ति थे, लेकिन मुझे नहीं लगता कि सभी मुद्दे इससे खत्म होंगे।"
--आईएएनएस
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