विजयन के प्रस्ताव पर अपनी कड़ी असहमति जाहिर करते हुए राजगोपाल ने कहा कि
विधानसभा के पटल पर जो कुछ हो रहा है, वह असंवैधानिक है। राजगोपाल ने कहा,
इस विधानसभा के लिए एक कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित करना कैसे संभव है।
सीएए पहले ही कानून बन चुका है, सभी प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद। यह सब
अब एक पार्टी द्वारा किया जा रहा है, जिसने अतीत में देश को धर्म के आधार
पर बांटा है। इसलिए यह कुछ नहीं सिर्फ राजनीतिक फायदा हासिल करने के लिए
है। कांग्रेस के रमेश चेन्निथला ने कहा, भारत सालों की कड़ी मेहनत के बाद
विकसित हुआ है और देखिए अब क्या हो रहा है।
संविधान को सावधानी के साथ
तैयार किया गया था। भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955 में प्रभावी हुआ और उसके
बाद से छह बार इसमें बदलाव किया गया, लेकिन कुछ भी धर्म के नाम पर नहीं
किया गया। अब देखिए, एक ही झटके में सब कुछ बेतरतीब कर दिया गया और देश को
बांटा जा रहा है। संयोग से केरल पहला राज्य है, जहां सत्तापक्ष और विपक्ष
ने मिलकर महीने की शुरुआत में सीएए के खिलाफ चार घंटे का विरोध प्रदर्शन
किया था।
(IANS)
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