सर्वोच्च न्यायालय ने 28 सितंबर को अपने फैसले में मंदिर में प्रवेश करने
के लिए प्रतिबंधित आयु वर्ग की लड़कियों और महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की
अनुमति प्रदान की थी, जिसके बाद राज्य सरकार किसी भी तरह के
विरोध-प्रदर्शनों से बचने के लिए सभी जरूरी उपाय कर रही है। ये भी पढ़ें - अजब गजबः यहां शिवलिंग पर हर साल गिरती है बिजली
जब
मंदिर 17 से 22 अक्टूबर के बीच मासिक पूजा के लिए खोला गया था, मंदिर के
तांत्रि और अधिकारियों ने कहा था कि अगर 10 से 50 वर्ष उम्र की महिला मंदिर
में प्रवेश की कोशिश करंेगी तो वे मंदिर को बंद कर देंगे, क्योंकि यह
मंदिर परंपरा के खिलाफ है।
केरल सरकार ने घोषणा की है कि वह सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को लागू
करवाएगी, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कई हिंदू समूहों ने इस फैसले
का विरोध किया है।
-आईएएनएस
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