तिरुवनंतपुरम। केरल के इडुक्की में 2019 में हिरासत में मौत के मामले में दोषी पाए गए पांच पुलिस अधिकारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया जाएगा और उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही भी की जाएगी, जैसा कि न्यायमूर्ति के. नारायण कुरुप (सेवानिवृत्त) आयोग, केरल विधानसभा की सिफारिशों के अनुसार किया जाएगा। विधानसभा में रखी गई कार्रवाई रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन लोगों को सेवा से बर्खास्त किया जाएगा उनमें सब-इंस्पेक्टर साबू, एएसआई रॉय, ड्राइवर नियाज और दो सिविल पुलिस अधिकारी जितिन और रेजिमोन शामिल हैं। छठा आरोपी होमगार्ड जेम्स था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
जांच रिपोर्ट में तीन चिकित्सा पेशेवरों के लिए सजा की भी सिफारिश की गई है।
साथ ही मृतक के परिवार को 45 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी निर्णय लिया गया।
49 वर्षीय, एक छोटे समय के वित्तीय एजेंट की 21 जून, 2019 को इडुक्की के नेदुमकंदम पुलिस स्टेशन में कथित रूप से क्रूर थर्ड डिग्री यातना के अधीन होने के बाद हिरासत में मृत्यु हो गई थी।
रिपोटरें के अनुसार, राजकुमार को 12 जून को उन लोगों के एक समूह द्वारा गिरफ्तार किया गया था, जिन पर उसका पैसा बकाया था और नेदुमकंदम पुलिस को सौंप दिया। पुलिस ने हालांकि, 16 जून को उसकी गिरफ्तारी दर्ज की और बाद में उसे सरकारी पीरुमेदु तालुक अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया, जहां 21 जून को उसकी मृत्यु हो गई।
हालांकि पोस्टमॉर्टम में मौत का कारण निमोनिया बताया गया, लेकिन ऑटोप्सी रिपोर्ट से पता चला कि राजकुमार के शरीर पर जांघों के नीचे 22 चोट के निशान थे, जो दर्शाता है कि हिरासत में उसे थर्ड डिग्री टॉर्चर किया गया था।
विधानसभा के अंदर और बाहर दोनों जगह भारी विरोध के बाद पिनराई विजयन के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने न्यायिक जांच की अनुमति दी और अनुभवी न्यायाधीश कुरुप ने मौत के वास्तविक कारण का पता लगाने के लिए शव को बाहर निकालना शुरू किया और कई लोगों के बयान लिए गये।
--आईएएनएस
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