सबरीमाला। सबरीमाला मंदिर का कपाट सोमवार शाम पांच बजे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच खोला गया। मंदिर रात 10 बजे बंद हो जाएगा। मंदिर को दर्शन के लिए मंगलवार सुबह फिर से खोला जाएगा और रात 10 बजे अगली बार खोले जाने तक के लिए बंद कर दिया जाएगा।
शाम चार बजे के आंकड़ें के अनुसार, 5540 श्रद्धालु मंदिर की ओर बढ़ चुके थे, पिछले वर्ष इसी दिन केवल 1000 श्रद्धालुओं ने दर्शन किया था।
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सरकार और पुलिस पर जहां इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को पूरा करने का भारी दबाव है, वहीं भाजपा समेत तमाम हिंदूवादी समूहों ने फैसले का विरोध किया है। सर्वोच्च न्यायालय 28 सितम्बर को अपने फैसले में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी है। इसके खिलाफ यहां जबरदस्त प्रदर्शन हुए थे।
सोमवार को भी, सबरीमाला जाने के दौरान पुलिस ने सुबह 8 बजे यहां जांच के लिए कई श्रद्धालओं को रोका, जिसके बाद लोगों ने यहां नारे लगाए।
सुबह आठ बजे पुलिस ने बैरिकेड हटाए और पांबा के लिए श्रद्धालुओं को यात्रा करने की इजाजत दी। निलक्कल और एरुमेली में सैकड़ों श्रद्धालु बहस करते हुए दिखाई दिए क्योंकि उन्हें आगे बढ़ने पर पुलिस की बाधाओं का सामना करना पड़ रहा था।
श्रद्धालु जब गर्भगृह पहुंचने का प्रयास कर रहे थे, तो उनसे उनके पहचान पत्रों की जांच कराने व सवालों के जवाब देने का आग्रह किया गया। गर्भगृह मंगलवार रात 10 बजे बंद होगा।
एरुमेली में सभी श्रद्धालुओं के वाहनों को रोका गया। केरल राज्य परिवहन निगम के बस डिपो पहुंचने पर श्रद्धालुओं ने विरोध किया और भगवान अयप्पा के नारे लगाए। उन्होंने पहाड़ी पर स्थित मंदिर के लिए आगे बढ़ने के लिए परिवहन की मांग की।
एक गुस्साए श्रद्धालु ने कहा, "हमें रविवार रात से इंतजार करने को कहा गया है। हम सभी तीर्थयात्रा पर आए हैं और हमारी कोई अन्य इच्छा नहीं है। हमारे वाहनों को इजाजत दी जानी चाहिए। केएसआरटीसी को हमें ले जाने के लिए बसों का इंतजाम करना चाहिए।" उनकी इस बात का वहां मौजूद लोगों ने समर्थन किया।
प्रदर्शनकारियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पुलिस ने एरुमेली से निलक्कल तक निजी वाहनों को जाने की इजाजत दे दी।
इस बार मंदिर जाने के लिए व्यवस्था ऐसे की गई है कि अपने वाहनों से आ रहे श्रद्धालुओं को निलक्कल में रुकना पड़ेगा और फिर वे वहां से केएसआरटीसी के बस से पांबा की ओर जाएंगे। उसके बाद श्रद्धालु पहाड़ी पर स्थित मंदिर के लिए आगे बढ़ेंगे।
पंडालम शाही परिवार के श्रीकुमार वर्मा ने कहा कि जिस तरह से चीजें हो रही हैं, वह उससे दुखी हैं।
वर्मा ने कहा, "सबरीमाला के लिए शांतिपूर्वक तीर्थाटन हुआ करता था। लेकिन, आज मंदिर पुलिस थाने में तब्दील हो गया है। यह हम सभी को दुखी कर रहा है।"
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