जस्टिस चितंबरेश ने कहा कि ब्राह्मणों को
जाति या धर्म पर आधारित आरक्षण व्यवस्था का विरोध करते हुए इसे आर्थिक आधार
पर देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यही समय है कि आप सभी
ब्राह्मण आरक्षण के आधार पर सवाल उठाएं। एक संवैधानिक पद पर रहते हुए मेरे
लिए यह सही नहीं होगा कि मैं इस मुद्दे पर अपनी राय रखूं, लेकिन मैं आपको
बस ये याद दिला रहा हूं कि ऐसे मंच मौजूद हैं, जहां पर आप अपनी आवाज उठा
सकते हैं।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने 10 पर्सेंट आरक्षण का
इंतजाम किया गया है। उन्होंने आगे समझाते हुए कहा कि ब्राह्मण कुक का बेटा
नॉन क्रीमी लेयर में आता है तो भी उसे आरक्षण व्यवस्था का लाभ नहीं
मिलेगा। लेकिन एक लकड़ी के व्यापारी का बेटा जो कि पिछड़े वर्ग का है, उसे
आरक्षण के फायदे जरूर मिलेगा। ऐसे में यही समय है कि आप सब आगे आएं और इस
बारे में अपनी आवाज जरूर उठाएं।
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