बेंगलुरु । कर्नाटक के पूर्व
मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा ने सोशल मीडिया पर घोषणा की है कि वह तब तक
आराम नहीं करेंगे, जब तक कि वह अगले विधानसभा चुनावों में कर्नाटक में
भाजपा को सत्ता की सीट पर नहीं बिठा देते।
उन्होंने कहा, "हम आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा को सत्ता में लाने के
उद्देश्य से काम कर रहे हैं। मैं कभी भी विपक्षी नेता सिद्धारमैया से
व्यक्तिगत रूप से नहीं मिला। इसकी कोई आवश्यकता नहीं है। मैं उनसे केवल 27
फरवरी, 2020 को अपने जन्मदिन के अवसर पर मिला हूं।" ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पूर्व
मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने एक विवादास्पद बयान जारी कर कहा था कि,
बीजेपी येदियुरप्पा के सहयोगियों और करीबी सर्कल को आईटी छापों के माध्यम
से लक्षित कर रही है क्योंकि उन्होंने कर्नाटक में सत्तारूढ़ भाजपा के
कमजोर होने पर चर्चा करने के लिए मैसूर में सिद्धारमैया से मुलाकात की है।
कुमारस्वामी
ने आगे कहा था कि यह छापे येदियुरप्पा और उनके बेटे बी.वाई. विजयेंद्र को
काबू में करने के लिए मारे जा रहे हैं। हालांकि, पार्टी के सूत्रों ने कहा
कि, आयकर विभाग के सनसनीखेज निष्कर्षों के बाद, बेंगलुरु और अन्य स्थानों
पर येदियुरप्पा के करीबी बी.आर. उमेश और अन्य, वरिष्ठ नेता जिन्होंने भाजपा
आलाकमान के खिलाफ खुद को मुखर करना शुरू कर दिया है, उन्होंने अपना रुख
नरम कर लिया है।
येदियुरप्पा ने पहले कहा था कि कर्नाटक में 'मोदी
लहर' अकेले चुनाव नहीं जीत सकती। उनके एक विश्वासपात्र सुरेश गौड़ा ने
तुमकुरु जिला भाजपा इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि
भाजपा ने उनके दो समर्थकों को मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई का राजनीतिक सचिव
नियुक्त किया और उन्हें कैबिनेट का दर्जा दिया, जिसे लेकर येदियुरप्पा खुश
नहीं थे। उन्होंने राज्य का दौरा करने की योजना बनाई है जिसे पार्टी नेताओं
ने विफल कर दिया है। बोम्मई ने मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद पहली बार
इस बात पर जोर दिया है कि अगला विधानसभा चुनाव उनके नेतृत्व में पार्टी के
निर्देश पर लड़ा जाएगा। पार्टी के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह येदियुरप्पा
को अपने पाले में रखे और साथ ही उन्हें पार्टी को हाईजैक करने की अनुमति न
दे। सूत्रों का कहना है कि सभी उद्देश्य पूरे हो गए हैं।
तलाशी व
जब्ती के दौरान करीब 750 करोड़ रुपये की अघोषित आय मिली है। इसमें से कुल
487 करोड़ रुपये की राशि को संबंधित समूह की संस्थाओं ने अपनी अघोषित आय के
रूप में स्वीकार किया है। 7 अक्टूबर को शुरू हुई तलाशी 4 राज्यों में फैले
47 परिसरों में की गई है।
तलाशी के दौरान 4.69 करोड़ रुपये की
बेहिसाब नकदी, 8.67 करोड़ रुपये के बेहिसाब आभूषण, सरार्फा और 29.83 लाख
रुपये मूल्य की चांदी की वस्तुएं जब्त की गई हैं।
सूत्रों ने बताया
कि येदियुरप्पा की मुश्किलें बढ़ने की पूरी संभावनाएं हैं क्योंकि छापे
कथित तौर पर सिंचाई, राजमार्ग विभाग पर उनके कार्यकाल के दौरान 20,000
करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न परियोजनाओं के कार्यान्वयन पर केंद्रित थे।
--आईएएनएस
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