बेंगलुरू। टेंडर घोटाले में कथित रिश्वत मामले में मुख्य आरोपी भाजपा विधायक मदल विरुपक्षप्पा शुक्रवार को लोकायुक्त के समक्ष पूछताछ के लिए पेश हुए। लोकायुक्त अधिकारियों ने गुरुवार को चन्नागिरी विधानसभा क्षेत्र के विधायक से चार घंटे तक पूछताछ की थी। उन्हें आगे की पूछताछ के लिए शुक्रवार को लोकायुक्त के समक्ष उपस्थित होने के लिए कहा गया था। लोकायुक्त के सूत्रों ने बताया कि विरुपक्षप्पा टेंडर प्रक्रिया से जुड़े सवालों का जवाब नहीं दे रहे हैं। हालांकि, विरुपक्षप्पा ने दावा किया कि उन्होंने लोकायुक्त अधिकारियों द्वारा गुरुवार को रखे गए सभी सवालों के जवाब दे दिए हैं।
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विधायक ने एजेंटों और बिचौलियों को जानने के बारे में अनभिज्ञता जताई थी। लोकायुक्त अधिकारियों ने दलालों और बिचौलियों की पहचान कर उन्हें पहले ही नोटिस जारी कर दिया है। सूत्रों ने कहा कि वह अपनी तरफ से बयान ले रहे हैं और आरोपी विधायक के बयानों की जांच कर रहे हैं।
2 मार्च को विधायक के बेटे प्रशांत मदल को कर्नाटक साबुन और डिटर्जेंट लिमिटेड (केएसडीएल) के लिए कच्चे माल की खरीद के लिए निविदा के आवंटन के लिए लोकायुक्त के भ्रष्टाचार विरोधी प्रभाग द्वारा 40 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था, जिसके विरुपक्षप्पा अध्यक्ष हैं।
अधिकारियों ने बाद में विरुपक्षप्पा और प्रशांत के आवासों से 8.12 करोड़ रुपये और 1.6 किलोग्राम सोना जब्त किया। विधायक का बेटा फिलहाल न्यायिक हिरासत में है। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने गिरफ्तारी के खतरे का सामना कर रहे विरुपक्षप्पा को अंतरिम अग्रिम जमानत दे दी थी। विपक्षी कांग्रेस और जद (एस) ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार विधायक को बचा रही है।
--आईएएनएस
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