बेंगलुरू। कर्नाटक में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के कारण कई घटनाओं के बाद अशांति के बीच, सत्तारूढ़ भाजपा 2023 के विधानसभा चुनावों में पार्टी को एक लाभप्रद स्थिति में लाने के लिए मंत्रिमंडल में बदलाव पर विचार कर रही है। मुख्यमंत्री बोम्मई ने अपनी हालिया नई दिल्ली यात्रा के समापन के बाद गुरुवार को कहा कि कैबिनेट विस्तार के मामले पर पार्टी नेताओं के साथ विस्तार से चर्चा की गई है। वरिष्ठ नेताओं ने जानकारी दी है कि वे इस बारे में नवगठित विजयनगर जिले के होसपेट में 16 और 17 अप्रैल को राज्य कार्यकारिणी की बैठक में बात करेंगे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
आलाकमान ने सारी जानकारी ले ली है और स्थानीय नेताओं, पार्टी कार्यकर्ताओं और संगठनात्मक सचिवों के साथ इस मामले पर चर्चा करने के बाद निर्णय लेने का आश्वासन दिया है।
उन्होंने कहा, "मैंने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की है और इस मामले पर चर्चा की है। लेकिन, गृह मंत्री अमित शाह से नहीं मिल पाया। कैबिनेट विस्तार पर भी उनसे और राष्ट्रीय संगठन सचिव संतोष जी से चर्चा करनी होगी।"
पार्टी के सूत्रों के अनुसार, वरिष्ठ नेताओं सहित मंत्री दबाव में आ गए हैं और राज्य की स्थिति के बजाय अपने विभागों को बचाने के लिए अधिक चिंतित हैं। अफवाहें हैं कि पार्टी कई वरिष्ठों को हटाकर 10 से अधिक नए चेहरों को कैबिनेट में मौका दे सकती है।
राष्ट्रीय महासचिव सी.टी. रवि ने बयान दिया था कि कर्नाटक में अन्य दलों के नेता भाजपा में शामिल होंगे। इससे भाजपा पार्टी के भीतर राज्य में कई ताकतवर धड़े नाराज हो गए हैं।
कैबिनेट विस्तार को स्थगित करने के भाजपा आलाकमान के फैसले ने राज्य के भाजपा नेताओं को हैरान कर दिया है, जो उगादी उत्सव के बाद कैबिनेट में फेरबदल की उम्मीद कर रहे थे।
--आईएएनएस
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