बेंगलुरू। भारत की राजनीति में कर्नाटक के लिए आज ऐतिहासिक दिन है। कर्नाटक में सरकार बनाने के लिए जारी सियासी हलचलों के बीच कांग्रेस अपने विधायकों को खरीद-फरोख्त से बचाने में जुट गई हैं। कांग्रेस के विधायक इगलटन रिसोर्ट में रुके हुए हैं। कांग्रेस और जेडीएस दोनों ने बीजेपी पर खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सिद्धारमैया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जोरदार हमला करते हुए आरोप लगाया कि बहुमत से थोड़ा पीछे रहने के बावजूद वह राज्य की सत्ता में भाजपा की वापसी सुनिश्चित करने के लिए ‘विधायकों की खरीद फरोख्त’ को बढ़ावा दे रहे हैं। वहीं कुमारस्वामी ने भाजपा पर विधायकों की ‘खरीद-फरोख्त’ का सहारा लेने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने उनकी पार्टी के विधायकों को पार्टी से अलग होने और सरकार गठन के लिए अपना समर्थन करने के लिए 100 करोड़ रुपए और मंत्री पदों की पेशकश की। कुमारस्वामी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘भाजपा ने हमारे विधायकों को तोडऩे के लिए 100 करोड़ की रिश्वत की पेशकश की है। मैं जानना चाहता हूं कि यह काला धन है या सफेद धन।’
वहीं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आरोपों का मजबूती से खंडन करते हुए कहा, ‘100 करोड़, 200 करोड़ की बात काल्पनिक है। भाजपा ऐसा नहीं कर रही। हमें विधायकों की खरीद फरोख्त करने की आदत नहीं है। इस तरह की राजनीति जद (एस) और कांग्रेस करते हैं। हम नियमों का पालन करते हुए सरकार का गठन करेंगे।’ इस बीच कर्नाटक के राज्यपाल वजूभाई वाला ने बुधवार को भाजपा विधायक दल के नेता बी एस येदियुरप्पा को राज्य में सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया। राज भवन के एक पत्र के अनुसार, ‘मैं आपको (येदियुरप्पा को) सरकार बनाने के लिए और कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के लिए आमंत्रित करता हूं।’ राज्यपाल ने येदियुरप्पा से मुख्यमंत्री का पदभार संभालने के 15 दिन के अंदर विश्वास मत हासिल करने को भी कहा। भाजपा महासचिव मुरलीधर राव ने संवाददाताओं को बताया कि येदियुरप्पा कल यहां सुबह नौ बजे शपथ लेंगे। पार्टी सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने की संभावना नहीं है।
कांग्रेस ने साधा राज्यपाल पर निशाना...
राज्यपाल के कदम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘वजुभाई वाला ने राज भवन की गरिमा धूमिल की, संविधान और नियमों की अवहेलना की तथा भाजपा की कठपुतली के तौर पर काम किया।’ उन्होंने कहा, राज्यपाल ने संविधान की बजाय ‘भाजपा में अपने मालिकों’ (मास्टर्स इन बीजेपी) की सेवा चुनी। सुरजेवाला ने कहा, ‘कर्नाटक भाजपा ने (न्यौते के बारे में) पहले से सूचना दे दी। जब आदेश भाजपा मुख्यालय से आते हों तो फिर राज्यपाल पद की गरिमा का क्या होगा।
गौरतलब है कि राज्य में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। ऐसे में प्रदेश की 224 सदस्यीय विधानसभा में 222 सीटों पर हुए चुनाव में भाजपा को 104, कांग्रेस को 78 और जेडीएस प्लस को 38 सीटें मिली हैं। फिलहाल, बहुमत के लिए जादुई आंकड़ा 112 है।
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