बेंगलुरू। कर्नाटक की कांग्रेस सरकार आरएसएस से जुड़े नौकरशाहों की पहचान करने और उनको तिरस्कार करने के लिए पूरी तरह तैयार है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और उनके डिप्टी डी.के. शिवकुमार को विभिन्न विभागों में उन अधिकारियों की सूची मिली है, जिनके आरएसएस के साथ घनिष्ठ संबंध हैं और जिन्हें पिछली भाजपा सरकार का समर्थन प्राप्त था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
शिवकुमार ने भगवाकरण पर पुलिस विभाग को खुली चेतावनी दी है और नियम पुस्तिका का सख्ती से पालन करने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं।
सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार को कांग्रेस आलाकमान से भी स्पष्ट निर्देश मिला है कि वह नौकरशाही से आरएसएस के हमदर्दों को बाहर करे।
प्रमुख लक्ष्यों में से एक गृह विभाग है, जिसके माध्यम से भाजपा ने अपने हिंदुत्व के एजेंडे को अंजाम दिया और विपक्ष, मुख्य रूप से कांग्रेस नेताओं पर हमला किया।
शिवकुमार ने राज्य के नांजे गौड़ा और उरी गौड़ा के नाम पर एक मुखौटा स्थापित करने की अनुमति देने के लिए पूर्व डीजीपी प्रवीण सूद को गिरफ्तार करने की मांग की है।
शिवकुमार ने कहा था कि बेंगलुरू-मैसूरु एक्सप्रेसवे को समर्पित करने के लिए प्रधान मंत्री मोदी की कर्नाटक यात्रा के दौरान, सूद ने नन्जे गौड़ा और उरी गौड़ा के नाम पर एक मुखौटा की अनुमति देकर इतिहास के विरूपण की अनुमति दी थी। उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए और उन्हें गिरफ्तार होना चाहिए।
सूत्रों ने बताया कि संघ से जुड़े राज्य के शिक्षा विभाग के शीर्ष अधिकारी जिन्होंने पाठ्यपुस्तक संशोधन किया, उच्च शिक्षा विभाग में वे जिन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को सुगम बनाया, वित्त, शहरी विकास, बीबीएमपी, बीडीए और अन्य आकर्षक पदों पर जिन्हें आरएसएस की सिफारिश पर नियुक्त किया गया, जल्द ही उनका तबादला कर दिया जाएगा।(आईएएनएस)
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