बेंगलुरु। कर्नाटक सरकार गुणवत्ता सुनिश्चित करने और बेंगलुरु में उनकी खराब स्थिति के लिए जिम्मेदारी तय करने के लिए सड़कों का ऑडिट कराने के लिए पूरी तरह से तैयार है। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने बेंगलुरु में सभी सड़कों की दयनीय स्थिति के बारे में शिकायतों के बाद सभी सड़कों का ऑडिट कराने का आश्वासन दिया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
कांग्रेस एमएलसी पीआर रमेश के एक सवाल के जवाब में, बोम्मई ने गुरुवार को कहा कि 2015 से केंद्र और राज्य सरकारों और बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) दोनों ने बेंगलुरु के सभी 198 वार्डो में सड़कों के निर्माण और शहरों के प्रबंधन के लिए 20,060 करोड़ रुपये जारी किए हैं।
स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत 26 सड़कों का निर्माण कार्य शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि टेंडर श्योर मॉडल के तहत 426.60 करोड़ रुपये की लागत से 46 सड़कों का विकास किया जा रहा है।
बोम्मई ने कहा, "पिछले पांच वर्षो में हालांकि हजारों करोड़ खर्च किए गए हैं, मगर उसके बाद भी सड़कों की गुणवत्ता घटिया बनी हुई है और बड़ी संख्या में सड़कें गड्ढों से भरी हुई हैं। इसे समाप्त करने के लिए बेंगलुरु में सभी सड़कों का ऑडिट किया जाएगा।"
उन्होंने कहा कि ऑडिट होने के बाद, सड़कों के निर्माण के वर्ष से संबंधित सभी विवरण, ठेकेदारों का विवरण, प्रभारी इंजीनियरों और रखरखाव की अवधि सब कुछ उपलब्ध होगी। बोम्मई ने कहा कि गैर-रखरखाव के मामले में, सरकार कार्रवाई शुरू कर सकती है और अधिकारियों पर जिम्मेदारी तय कर सकती है।
कांग्रेस एमएलसी सीआर रमेश ने बेंगलुरु में सड़कों की दुर्दशा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अगर सरकार द्वारा सड़कों पर खर्च पर विचार किया जाता है, तो ऐसा होता है कि हर एक किलोमीटर की सड़क के निर्माण के लिए 1.50 करोड़ रुपये से 2 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
रमेश ने कहा, "जिस किसी को भी सड़क निर्माण का ठेका मिले, वह 5 साल तक रखरखाव सुनिश्चित करे। निर्माण के बाद सड़क के रखरखाव की कोई परवाह नहीं कर रहा है। निर्माण कार्य के कुछ महीने बाद मगदी सड़क गड्ढों से भरी हुई है।"
--आईएएनएस
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