बेंगलुरू। भारत की राजनीति में कर्नाटक के लिए आज ऐतिहासिक दिन है। कर्नाटक में सरकार बनाने के लिए जारी सियासी हलचलों के बीच चला हाई वोल्टेज ड्रामा अभी थमा नहीं है, लेकिन फिर भी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बीएस येदियुरप्पा ने गुरुवार को राज्य के अगले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। येदियुरप्पा अगर 15 दिनों में बहुमत साबित करने में सफल रहते हैं तो पूरी कैबिनेट शपथ ग्रहण करेगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
राज्यपाल वजुभाई वाला ने सुबह नौ बजे राजभवन में कड़ी सुरक्षा एवं व्यवस्था के बीच येदियुरप्पा को शपथ दिलाई। येदियुरप्पा (75) ने भाजपा के केंद्रीय और राज्य के नेताओं और नवनिर्वाचित विधायकों के बीच कन्नड़ भाषा में शपथ ली। राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल वजूभाई वाला ने उन्हें सीएम पद की शपथ दिलाई। इस दौरान प्रकाश जावड़ेकर, अनंत कुमार, धर्मेंद्र प्रधान, जेपी नड्डा सहित कई केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के दिग्गज नेता भी मौजूद रहे। बीजेपी कार्यकर्ताओं में गजब का उत्साह देखा गया।
राजभवन के बाहर जमा पार्टी कार्यकर्ताओं ने 'वंदे मातरम' और 'मोदी-मोदी' के नारे भी लगाए। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी को बड़ी राहत देते हुए देर रात की गई सुनवाई में कांग्रेस-जेडीएस की दलीलों को खारिज करते हुए शपथ-ग्रहण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई बुधवार देर रात शुरू हुई थी, जो गुरुवार तड़के 5.28 बजे तक चली। हालांकि कोर्ट इस मामले की जल्द से जल्द सुनवाई के लिए तैयार हो गई और उसने इसके लिए शुक्रवार का दिन तय किया है।
जस्टिस ए के सीकरी, एस ए बॉबडे और अशोक भूषण की विशेष पीठ ने येदियुरप्पा से वह पत्र भी मांगा है, जिसे उन्होंने सरकार बनाने का दावा पेश करते हुए राज्यपाल वजूभाई वाला को सौंपा। कोर्ट ने साफ कहा कि इस मामले में कोई भी फैसला लेने के लिए यह अहम होगा।
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