बेंगलुरू। कर्नाटक की लोकायुक्त पुलिस टेंडर घोटाले में कथित रिश्वत मामले में भाजपा विधायक विरुपाक्षप्पा मदल को जमानत दिए जाने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने पर विचार कर रही है। सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने यह भी बताया कि लोकायुक्त न्यायमूर्ति बी.एस. पाटिल ने इस संबंध में तैयारी शुरू कर दी है। यह मामला 17 मार्च को कर्नाटक उच्च न्यायालय के सामने आ रहा है और लोकायुक्त भी जमानत खारिज करने के लिए अदालत के समक्ष दस्तावेज, सबूत और दलीलें मजबूती से पेश करने की तैयारी कर रहे हैं।
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आरोपी भाजपा विधायक मदल विरुपक्षप्पा को गुरुवार को लोकायुक्त अधिकारियों के सामने पेश होना होगा, क्योंकि अदालत द्वारा दी गई 48 घंटे की समय सीमा समाप्त हो जाएगी। सूत्रों ने बताया कि आरोपी विधायक पूछताछ के लिए पेश होने के लिए अपने गृह नगर से बेंगलुरु पहुंचे हैं।
विधायक 6.1 करोड़ रुपये नकद के लिए संबंधित दस्तावेज भी लाए हैं, जो लोकायुक्त के छापे के दौरान उनके आवास पर मिले थे।
उनके बेटे, प्रशथ मदल को सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई कर्नाटक साबुन और डिटर्जेंट लिमिटेड (केएसडीएल) को कच्चे माल की खरीद के लिए कथित रूप से 40 लाख रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया था। आरोपी विधायक केएसडीएल के अध्यक्ष थे और उनका बेटा कथित रूप से अपने पिता की ओर से रिश्वत ले रहा था।
अधिकारियों ने आरोपी भाजपा विधायक मदल विरुपक्षप्पा और उनके बेटे प्रशांत मदल के आवासों से 8.12 करोड़ रुपये, 1.6 किलोग्राम सोना जब्त किया था, जिसे गिरफ्तार कर लिया गया था।
कर्नाटक हाई कोर्ट ने मंगलवार को मदल विरुपाक्षप्पा को अंतरिम जमानत दे दी। न्यायमूर्ति के नटराजन की अध्यक्षता वाली एकल पीठ ने अंतरिम अग्रिम जमानत देने के बाद आरोपी विधायक को आदेश के 48 घंटे के भीतर जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया।
इस बीच, एडवोकेट्स एसोसिएशन, बेंगलुरु ने मदल विरुपक्षप्पा की अंतरिम अग्रिम जमानत अर्जी को तत्काल पोस्ट करने पर आपत्ति जताई।(आईएएनएस)
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