बेंगलुरू। भारतीय जनता पार्टी की कर्नाटक इकाई ने बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा बागी विधायकों के पक्ष में सुनाए गए फैसले का स्वागत करते हुए इसे लोकतंत्र की जीत बताया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सर्वोच्च न्यायालय ने कांग्रेस व जनता दल सेक्युलर (जद-एस) के बागी विधायकों की संयुक्त याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें विधानसभा की कार्यवाही और विश्वास मत के दौरान सदन से बाहर रहने की छूट दे दी है।
भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष बी.एस. येदियुरप्पा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम फैसले का स्वागत करते हैं, जो लोकतंत्र और संविधान की जीत है। विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने से बेहतर है कि कुमारस्वामी इस्तीफा दे दें। उनकी गठबंधन सरकार के पास बहुमत साबित करने के लिए सदन में पर्याप्त सदस्यों की संख्या नहीं है।’’
येदियुरप्पा ने कहा, ‘‘व्हिप उन 15 विधायकों पर लागू नहीं होगा, जिन्होंने इस्तीफा दे दिया है। उन्हें विधानसभा सत्र में भाग लेने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।’’
गुरुवार को 15 विधायकों के विधानसभा नहीं पहुंचने पर पूरा समीकरण ही बदल जाएगा। कर्नाटक की 224 सदस्यीय विधानसभा में तब कुल 209 सदस्य रह जाएंगे।
अगर 6 जुलाई को इस्तीफा देने वाले एक अन्य कांग्रेस विधायक आर.रामलिंगा रेड्डी भी सत्र से दूर रहे तो एक सदस्य और भी कम हो जाएगा। इस स्थिति में बहुमत के लिए महज 105 विधायकों की दरकार रह जाएगी।
वहीं दूसरी ओर सत्तारूढ़ गठबंधन के पास संख्या बल घटकर 101 का रह गया है, जिस कारण सरकार बहुमत साबित करने में असफल हो जाएगी। इस स्थिति का फायदा उठाते हुए भाजपा निर्दलीय विधायकों की मदद से सरकार बनाने में सक्षम होगी।
येदियुरप्पा ने कहा, ‘‘गठबंधन सरकार अल्पमत में है और उसने 18 विधायकों का विश्वास खो दिया है, जिनमें 16 बागी और दो निर्दलीय विधायक शामिल हैं।’’
इसके अलावा भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार ने कहा कि अस्थिर गठबंधन सरकार राज्य में अराजकता का कारण बन रही थी, यही वजह है कि इसके 16 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया। (आईएएनएस)
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