बेंगलुरु। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) गुरुवार शाम आईआरएनएसएस-1एच सैटेलाइट को लॉन्च किया। भारत के आठवें नैविगेशन सैटलाइट की लॉन्चिंग के साथ ही देश के अंतरिक्ष अभियान के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है। इस बार खास बात यह है कि सैटलाइट के असेंबलिंग और टेस्टिंग में प्राइवेट कंपनियों की 25 प्रतिशत हिस्सेदारी रही है। इससे पहले प्राइवेट सेक्टर की भूमिका सिर्फ कल-पुर्जों की सप्लाई तक सीमित थी। 1,425 किलोग्राम वजनी सैटलाइट ने श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर के दूसरे लॉन्च पैड से अपनी यात्रा शुरू की। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इसे इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन के भरोसेमंद लॉन्च वीइकल पीएसएलवी-एक्सएल से छोड़ा गया। आईआरएनएसएस-1एच सैटलाइट को बनाने में बेंगलुरु बेस्ड अल्फा डिजाइन टेक्नॉलजिज की अगुआई में प्राइवेट कंपनियों का 25 प्रतिशत योगदान है। इन कंपनियों ने इसरो के वैज्ञानिकों की देखरेख में सैटलाइट के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाई है।
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