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बेंगलुरू। कर्नाटक हाईकोर्ट ने बुधवार को इस पर स्पष्टीकरण मांगा कि क्या केंद्र सरकार सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के कार्यालयों पर छापे मारने के निर्देश दे रही है। कोर्ट ने सरकार को इस संबंध में दस्तावेज पेश करने का भी निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना की एकल पीठ ने एसडीपीआई के जिला महासचिव अनवर सादात की एक याचिका पर यह निर्देश दिया है। याचिका में एसडीपीआई की संपत्तियों की जब्ती को समाप्त करने के लिए दक्षिण कन्नड़ जिले के प्रशासन को निर्देश देने की मांग की गई थी।
याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि पूर्व सूचना जारी किए बिना दक्षिण कन्नड़ जिले में एसडीपीआई के 17 कार्यालयों को सील कर दिया गया है। वकील ने कहा कि एसडीपीआई को कर्नाटक में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी करनी है। कार्यालयों पर ताला लगा होने के कारण वे कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने पीठ से कार्यालयों की सील खोलने के निर्देश जारी करने की गुहार लगाई।
सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने एसडीपीआई की मांग पर आपत्ति जताई। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर केंद्र सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है। एसडीपीआई के दफ्तरों में पीएफआई से जुड़ी सामग्री मिली है। केंद्र सरकार के निदेर्शानुसार कार्रवाई की गई है। हालांकि, याचिकाकर्ता ने केंद्र सरकार को विरोधी पक्ष नहीं बनाया है।
पीठ ने केंद्र के निदेशरें के बारे में सरकार से सवाल किए और इस संबंध में दस्तावेज जमा करने का निर्देश दिया। मामले की सुनवाई 16 फरवरी के लिए स्थगित कर दी गई।(आईएएनएस)
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