बेंगलुरू। कर्नाटक हाईकोर्ट ने तलाकशुदा पति को अपने बच्चे से मिलने से मना कर रही मां से कहा है कि वह बच्चे को उसके पिता से मिलने दें। अदालत ने शुक्रवार को बच्चे की मां से कहा, "माता-पिता का तलाक हो जाता है। लेकिन, उन दोनों से बच्चे का जन्म होता है। जब ऐसा है तो आप उन्हें मिलने से क्यों रोक रही हैं, मिलने दें।" ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
कोर्ट ने आगे कहा कि 'आज के बच्चे ज्यादा समझदार होते हैं, उनमें माता-पिता को सलाह देने की क्षमता है।'
न्यायमूर्ति बी. वीरप्पा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने चेन्नई में एक तलाकशुदा पति की याचिका पर विचार करते हुए अदालत से अपने 12 वर्षीय बेटे से मिलने की अनुमति देने का निर्देश देने का अनुरोध किया।
पिता के वकील ने अदालत के संज्ञान में लाया कि मां अपने याचिकाकर्ता को बच्चे से मिलने नहीं दे रही है। मां की ओर से पेश वकील ने कहा कि लड़का एसएसएलसी (कक्षा 10) में पढ़ रहा है। इस महीने के अंतिम सप्ताह से मध्यावधि परीक्षाएं शुरू होंगी। अगर उसने पिता से मिलने की अनुमति दी, तो उसकी पढ़ाई प्रभावित होगी।
पीठ इस तर्क से सहमत नहीं हुई और टिप्पणी की है कि वर्तमान में बच्चे अधिक परिपक्व हैं और आपके डर की कोई गुंजाइश नहीं है। पीठ ने आगे आदेश दिया कि बच्चा अपनी आधी सर्दी और गर्मी की छुट्टियां अपने पिता के साथ बिता सकता है।
मां के वकील ने इस पर आपत्ति जताई और इस आदेश को पारित न करने का अनुरोध किया क्योंकि पिता शादीशुदा है और उसका एक बच्चा है।
पीठ ने वकील को 24 नवंबर को बेटे को अदालत में लाने का निर्देश दिया। पीठ ने कहा, "आइए देखें कि बच्चे का अपने पिता से हमारे कार्यालय में मिलने के बारे में क्या कहना है।"
--आईएएनएस
आईपीएल 2024 : राजस्थान रॉयल्स ने दिल्ली कैपिटल्स को 12 रन से हराया
इंडिया गठबंधन आज दिल्ली में भाजपा मुख्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन करेगा
मुख्तार अंसारी - प्रतिष्ठित परिवार से अपराध की दुनिया तक का सफर, यहां पढ़ें
Daily Horoscope