• Aapki Saheli
  • Astro Sathi
  • Business Khaskhabar
  • ifairer
  • iautoindia
1 of 1

बोर्डों व निगमों में नियुक्तियों ने कर्नाटक कांग्रेस में आंतरिक कलह को दिया बढ़ावा

Appointments to boards and corporations give rise to internal strife in Karnataka Congress - Bengaluru News in Hindi

बेंगलुरु। कर्नाटक कांग्रेस की विधायकों को बोर्ड और निगमों में नियुक्त करके खुश करने की रणनीति उल्टी पड़ गई है, कई विधायकों ने नामांकन खारिज कर दिया है और कैबिनेट मंत्री पद की मांग की है। राज्य की राजनीति में आक्रामक हो चुकी बीजेपी इस घटनाक्रम पर पैनी नजर रखे हुए है। विशेषज्ञों के मुताबिक 'ऑपरेशन लोटस' को अंजाम देने में अनुभवी पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा को राज्य बीजेपी मामलों में प्रमुखता मिलने से कांग्रेस को चिंताजनक स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। सूत्र यह भी बताते हैं कि कई वरिष्ठ विधायक और मंत्री "लिंगायतों की उपेक्षा, अधिक डिप्टी सीएम नियुक्त करने, 2.5 साल के बाद गार्ड बदलने और आलाकमान की मनमानी" के बारे में हानिकारक बयान जारी करते हैं, लेकिन पार्टी प्रतिक्रिया के डर से कार्रवाई नहीं कर रही है।
इससे भी ज्यादा पार्टी नेतृत्व को 'ऑपरेशन लोटस' के मंडराते खतरे की चिंता है।
सूत्रों ने कहा कि भारत के साधन संपन्न राज्यों में से एक में अपनी स्थिति को खतरे में डालने की किसी भी संभावना से बचने के लिए, आलाकमान ने शीर्ष नेतृत्व की खुली अवज्ञा को सहन करने और सहने का फैसला किया है।
इस कैच-22 स्थिति के बीच, बोर्डों और निगमों में नियुक्तियों को लेकर कांग्रेस विधायकों के विद्रोह ने कर्नाटक में पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
कांग्रेस पार्टी के सूत्रों ने पुष्टि की है कि वरिष्ठ विधायक हंपनागौड़ा बदरली और एस.एन. सुब्बा रेड्डी ने उनकी नियुक्तियों को खारिज कर दिया है। मंत्री पद के प्रबल दावेदार तीन बार के विधायक सुब्बा रेड्डी ने अपने समर्थकों की बैठक बुलाई है और निर्णय लेने के लिए तैयार हैं। उन्होंने नियुक्ति आदेश सीएम कार्यालय को वापस भेज दिया।
सुब्बा रेड्डी को कर्नाटक बीज निगम का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
कांग्रेस नेतृत्व पांच बार के विधायक हंपनागौड़ा बदरली को संतुष्ट करने में भी विफल रहा है, जिसने उन्हें राज्य औद्योगिक बुनियादी ढांचा विकास निगम का अध्यक्ष बनाया था।
सूत्रों ने कहा कि अकेले उत्तरी कर्नाटक क्षेत्र में 10 से अधिक विधायक, जिनमें से कई प्रमुख नेता हैं, अपनी नियुक्तियों से नाखुश हैं। अधिकांश विधायक फंड नहीं मिलने से असंतुष्ट हैं क्योंकि कांग्रेस सरकार गारंटी योजनाओं को वितरित करने पर ध्यान केंद्रित करती है।
कांग्रेस सरकार ने 26 जनवरी को 34 बोर्डों और निगमों में नियुक्तियों की घोषणा की और जल्द ही बोर्डों और निगमों के लिए 45 की एक और सूची की घोषणा करने की तैयारी कर रही है।
उधर, कांग्रेस के दिग्गज नेता शमनूर शिवशंकरप्पा का बयान है कि येदियुरप्पा के बेटे बीजेपी सांसद बी.वाई. राघवेंद्र आगामी लोकसभा चुनाव जीत जाना चाहिए, ने पार्टी को शर्मसार कर दिया है। प्रदेश अध्यक्ष एवं उपमुख्यमंत्री डी.के.शिवकुमार ने डैमेज कंट्रोल मोड में कहा कि उनकी पार्टी शिवमोग्गा सीट पर चुनाव लड़ने जा रही है, जिसका प्रतिनिधित्व वर्तमान में सांसद राघवेंद्र कर रहे हैं।
येदियुरप्पा और प्रमुख भाजपा नेताओं ने कांग्रेस के दिग्गज नेता के बयानों का स्वागत किया और शमनूर शिवशंकरप्पा को बधाई दी, इससे कांग्रेस पार्टी काफी नाराज हुई।
कर्नाटक में सीएम सिद्धारमैया के समर्थन वाले कांग्रेस मंत्रियों ने हाल ही में आलाकमान की मनमानी को चुनौती दी और उसकी आलोचना की, जिसे राज्य में सत्ता परिवर्तन के संबंध में आने वाले दिनों में सामने आने वाले घटनाक्रम के अग्रदूत के रूप में देखा जा रहा है।
सूत्रों ने बताया कि मौजूदा नियुक्तियों में सीएम सिद्धारमैया का पलड़ा भारी है और आलाकमान को उनकी बात माननी पड़ी। राजनीतिक हलके भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि सीएम सिद्धारमैया के वफादारों द्वारा राष्ट्रीय नेतृत्व की मनमानी पर आपत्ति उनके खिलाफ किसी भी कदम पर पार्टी आलाकमान के लिए एक सूक्ष्म संदेश है।
डिप्टी सीएम शिवकुमार, जो सीएम बनने के लिए धैर्यपूर्वक अपना दावा पेश करने का इंतजार कर रहे हैं, और लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए सबसे अधिक सीटें जीतने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं, आंतरिक कलह को प्रबंधित करके कार्य हासिल करने के प्रति आश्वस्त हैं।
उन्होंने कहा कि बोर्डों और निगमों में नियुक्तियां सभी की राय को ध्यान में रखकर ही की जाती हैं। शिवकुमार ने यह भी कहा कि विपक्ष के कई लोग हैं, जो कांग्रेस के प्रति निष्ठा बदलना चाहते हैं।
सूत्रों ने कहा कि भाजपा कांग्रेस पार्टी के घटनाक्रम से खुश है और लोकसभा चुनाव के बाद सत्तारूढ़ सरकार को गिराने के लिए हरसंभव प्रयास किया जाएगा।
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र ने स्पष्ट रूप से कहा है कि पार्टी कर्नाटक में 'ऑपरेशन लोटस' में शामिल नहीं हो रही है। लेक‍िन राजनीतिक हलकों ने कहा कि यह कांग्रेस के लिए एक चेतावनी होनी चाहिए, क्योंकि राजनेता अक्सर जो करना चाहते हैं, उसके विपरीत कहते हैं।
विजयेंद्र ने जद (एस)-कांग्रेस सरकार के पतन को सुनिश्चित करने और 2019 में अपने पिता येदियुरप्पा को सीएम पद पर नियुक्त करने में प्रमुख भूमिका निभाई।
महाराष्ट्र में जिस तरह से शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन सरकार को खत्म किया गया था, उसी तरह से बीजेपी ने कांग्रेस सरकार को खत्म करने पर बहुत पहले ही काम शुरू कर दिया था। निकट भविष्य में होने वाली घटनाओं को लेकर दोनों खेमों में असमंजस की स्थिति है।
--आईएएनएस

ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

यह भी पढ़े

Web Title-Appointments to boards and corporations give rise to internal strife in Karnataka Congress
खास खबर Hindi News के अपडेट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक और ट्विटर पर फॉलो करे!
(News in Hindi खास खबर पर)
Tags: bengaluru, karnataka, congress, former chief minister, bs yediyurappa, bjp, hindi news, news in hindi, breaking news in hindi, real time news, bengaluru news, bengaluru news in hindi, real time bengaluru city news, real time news, bengaluru news khas khabar, bengaluru news in hindi
Khaskhabar.com Facebook Page:

प्रमुख खबरे

आपका राज्य

Traffic

जीवन मंत्र

Daily Horoscope

वेबसाइट पर प्रकाशित सामग्री एवं सभी तरह के विवादों का न्याय क्षेत्र जयपुर ही रहेगा।
Copyright © 2025 Khaskhabar.com Group, All Rights Reserved