सैयद हबीब, बेंगलुरु।
शहर के पॉश इलाके में खामोशी के साथ एक ऐसा झटका पहुंचा जिसने पूरे पुलिस महकमे को झकझोर दिया। कर्नाटक के पूर्व पुलिस महानिदेशक (DGP) ओम प्रकाश की हत्या की गुत्थी ने एक ऐसा मोड़ लिया, जहां शक की सुई अपने ही घरवालों पर आकर टिक गई। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
68 वर्षीय ओम प्रकाश, जो 1981 बैच के सीनियर आईपीएस अफ़सर रह चुके थे और 2015 से 2017 तक राज्य के पुलिस प्रमुख रहे, अब अपने ही घर में लहूलुहान पाए गए। एक ऐसा अफ़सर, जिसने अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया, आज खुद एक ‘क्राइम सीन’ का हिस्सा बन चुका था।
पत्नी पल्लवी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और बेटी कृति से पूछताछ की जा रही है। इस सनसनीखेज़ खुलासे के पीछे एक और गवाही है—ओम प्रकाश का बेटा कार्तिकेश, जिसने FIR दर्ज कराते हुए कहा:
“मां और बहन अवसाद से जूझ रही थीं... पिताजी से रोज़ झगड़ा होता था… मुझे शक है कि उन्होंने ही पिता को मारा है।”
कार्तिकेश के मुताबिक, मां पिछले कुछ दिनों से पिताजी को जान से मारने की धमकियां दे रही थीं। ओम प्रकाश इस टकराव से दूर रहने के लिए अपनी बहन सरिता कुमारी के घर चले गए थे। लेकिन 18 अप्रैल को बेटी कृति वहां पहुंची और उन्हें जबरन घर लौटाने का दबाव डाला।
क्राइम सीन – एक घर, तीन मंज़िलें और खून से लथपथ हक़ीक़त
तीन मंज़िला घर – जिसमें ग्राउंड फ्लोर पर ओम प्रकाश और पल्लवी, पहली मंज़िल पर कार्तिकेश और उनकी पत्नी, जबकि दूसरी मंज़िल पर बेटी कृति रहती थी।
21 अप्रैल की शाम, जब कार्तिकेश गोल्फ कोर्स में थे, उन्हें पड़ोसी का कॉल आया—"आपके पिताजी फर्श पर गिरे हुए हैं"।पौने छह बजे जब वह घर पहुंचे, तो खून से सनी ज़मीन, पास में पड़ा एक चाकू और शराब की बोतल—ये किसी हादसे की नहीं, बल्कि जानबूझकर की गई हिंसा की तस्वीरें थीं।
मौत से पहले बहस? या रची गई थी साजिश?
जांच कर रही क्राइम ब्रांच के अनुसार, घर में उस वक्त कोई बाहरी शख्स मौजूद नहीं था। ऐसे में शक की दिशा सिर्फ पत्नी और बेटी की ओर जाती है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम न जाहिर करते हुए कहा:
“उनके वैवाहिक जीवन में समस्याएं थीं, पल्लवी खुद कई बार अपनी परेशानियां हमारे घर की महिलाओं से साझा कर चुकी थीं… लेकिन ऐसा अंत कोई सोच नहीं सकता था।”
कॉल जिसने खोला मौत का राज
खास बात ये रही कि पल्लवी ने खुद एक रिटायर्ड डीजीपी की पत्नी को फोन कर इसकी जानकारी दी थी। उस महिला ने फौरन पुलिस को खबर दी—जिसके बाद इस मर्डर मिस्ट्री का पहला पन्ना खुला।
एक अफसर, जिसकी मौत से कांपी वर्दीराज्य के गृहमंत्री डॉ. जी परमेश्वर ने कहा : “ओम प्रकाश एक शानदार अफ़सर थे। बतौर डीजीपी उन्होंने मेरे साथ काम किया। यह हत्या दुर्भाग्यपूर्ण है… जांच में सब साफ हो जाएगा।”
यह कर्नाटक के इतिहास में पहला मामला है जब किसी रिटायर्ड डीजीपी की हत्या हुई हो—और वह भी अपने ही घर में, अपने ही अपनों के हाथों।
ये सिर्फ एक हत्या नहीं, एक अफ़सर की कहानी का दुखद अंत है। एक ऐसा अंत, जिसने वर्दी को भी डगमगा दिया। जो रोज़ दूसरों के लिए इंसाफ़ तलाशते थे, आज उनका अपना परिवार गुनहगारों की कतार में खड़ा है।
क्या सच सामने आएगा? : क्या एक बेटा अपने पिता को इंसाफ़ दिला पाएगा?या ये मामला भी एक घरेलू विवाद के धुंधलकों में खो जाएगा? जवाब समय देगा… लेकिन सवाल अब हर उस परिवार के दरवाज़े पर दस्तक दे चुका है, जो एक ही छत के नीचे रहते हैं… और फिर भी एक-दूसरे से बहुत दूर हैं।
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