रांची। झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान भाजपा के विधायकों ने बालू (रेत) के मुद्दे को लेकर अनोखे अंदाज में विरोध प्रदर्शन किया। विधायकों ने अपने हाथों में तराजू और बटखारा लेकर सदन के बाहर बालू बेचते हुए विरोध दर्ज कराया। बालू की टोकरी पर तख्तियां भी लगी थीं, जिन पर लिखा था, "बालू 1000 रुपये किलो, कैसे बनी आवास?"
ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
विधानसभा की सीढ़ियों पर कुछ विधायक तख्तियां लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। तख्तियों पर लिखा था-
-बालू के नाम पर गरीबों को ठगना बंद करो
-हेमंत सोरेन का देखो खेल, बालू पेर कर निकाला तेल
-बालू के लिए मचा हाहाकार, सोई है झारखंड सरकार
सरकार पर तंज कसते हुए भाजपा विधायक शिवपूजन मेहता ने कहा कि सरकार जैसा बालू चाहिए, उस रेट में बेच रही है। उनका आरोप था कि हेमंत सोरेन सरकार बालू की आपूर्ति और उसकी कीमतों को लेकर आम जनता को ठग रही है।
यह विरोध प्रदर्शन बालू की बढ़ती कीमतों और उसकी उपलब्धता को लेकर सरकार की नीतियों पर सवाल उठाने के लिए किया गया था। विधायकों का कहना है कि बालू की बढ़ी हुई कीमतों ने गरीबों के लिए आवास निर्माण को कठिन बना दिया है, जिससे आम जनता में नाराजगी है।
वही भाजपा विधायक वीरची नारायण का कहना है कि कि एनजीटी की ओर से 15 अक्टूबर तक बालू उठाव पर रोक लगा है तो यह मुफ्त में बालू कहां से दे रहे हैं. अभी केवल 22 घाटों की नीलामी हुई है. ऐसे में हेमंत सरकार मुफ्त में बालू देने की बात कहकर ठगने का काम कर रही है. विरोध प्रदर्शन कर भाजपा नेता स्वर्णरेखा का बालू 100 रुपये किलो और कोयल नदी का बालू 1000 रुपये किलो चिल्ला-चिल्लाकर बेच रहे हैं.
हरियाणा में गठबंधन की चर्चा के बीच 'आप' ने जारी की पहली लिस्ट, जानें किसे कहां से मिला टिकट
मनी लॉन्ड्रिंग मामला : AAP विधायक अमानतुल्लाह खान की बढ़ी मुश्किलें
दो वर्षों में पेट्रोल और डीजल वाहनों के बराबर हो जाएगी EV की लागत : नितिन गडकरी
Daily Horoscope