रांची। राजनीति में परिवारवाद एक-दूसरे पर निशाना साधने का सभी दलों के लिए पसंदीदा विषय रहा है, परंतु कोई भी दल इस वाद से अछूता नहीं रहा है। झारखंड विधानसभा चुनाव में भी विधानसभा पहुंचे विधायकों में देवर-भाभी, ससुर-दामाद के साथ साथ आपस के समधी भी नए सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए हैं। इसके अलावा ऐसे विधायक भी चुन कर आए हैं, जिनपर अपने परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी है। उल्लेखनीय है कि इस चुनाव में कांग्रेस, राजद और झामुमो गठबंधन के नेता हेमंत सोरेन के नेतृत्व में नई सरकार रविवार को शपथ ले रही है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
हेमंत सोरेन दुमका तथा बरहेट से निर्वाचित हुए हैं। झारखंड आंदोलन के अगुआ, राज्य के बड़े राजनीतिक परिवार के मुखिया शिबू सोरेन की विरासत को संभाल रहे सोरेन परिवार की बहू और दुर्गा सोरेन की विधवा सीता सोरेन भी तीसरी बार संथाल परगना की जामा सीट से झामुमो के टिकट पर विधायक बनी हैं। इस तरह से देवर-भाभी की जोड़ी विधानसभा में सत्तापक्ष में बैठेगी। 2014 और 2009 में भी यह जोड़ी विधानसभा की शोभा बढ़ा चुकी है।
इस विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष का संगम भी लोगों के लिए रोचक होगा। सत्ताधारी पार्टी के टुंडी से विधायक मथुरा महतो के सामने अपने दामाद मांडू से भाजपा विधायक जयप्रकाश भाई पटेल होंगे। जयप्रकाश भाई पटेल के दिवंगत पिता टेकलाल महतो झामुमो के संस्थापक सदस्यों में से थे। दिवंगत टेकलाल महतो उसी सीट पर पांच बार विधायक रहे और वर्ष 2004 में गिरिडीह के सांसद बने।
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