रांची। आतंकी संगठन आईएसआईएस ने कई महिलाओं को भी आतंक के नेटवर्क से जोड़ लिया है। एनआईए की प्रारंभिक जांच में इसके साक्ष्य मिले हैं। वह झारखंड के हजारीबाग निवासी आईएसआईएस के आतंकी शाहनवाज की पत्नी और उसकी बहन की तलाश में जुटी हुई है।
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शाहनवाज हजारीबाग के कटकमसांडी स्थित पेलावल रोड न्यू महमूदा हाउस का निवासी है। बीते दो अक्टूबर को उसे और उसके अन्य साथियों को दिल्ली की स्पेशल सेल की टीम ने गिरफ्तार किया था। उसके पास से केमिकल पदार्थ और आईईडी बनाने में इस्तेमाल होने वाला मटेरियल मिला था। आतंकी शाहनवाज की पत्नी पहले हिंदू थी। शादी के बाद उसका धर्म बदलवाकर उससे इस्लाम धर्म कुबूल करवाया गया। धर्म परिवर्तन के बाद उसने अपना नाम मरियम रख लिया।
आतंकी गतिविधियों में वह भी पति का साथ दे रही थी। फिलहाल शाहनवाज की पत्नी और बहन दोनों ही भूमिगत हैं। उनकी तलाश की जा रही है। पुणे के बहुचर्चित आतंकी आईएस मॉड्यूल मामले में जांच कर रही एनआईए की महाराष्ट्र शाखा ने हजारीबाग के आतंकी शहनवाज आलम को रिमांड पर ले लिया है। उससे मुंबई में पूछताछ चल रही है। इस साल 18 जुलाई को पुणे में टू-व्हीलर चुराने के मामले में पुणे पुलिस ने शाहनवाज और मध्यप्रदेश के दो लोगों मोहम्मद इमरान खान और मोहम्मद साकी को गिरफ्तार किया था। जब पुलिस पूछताछ के लिए उन्हें उनके ठिकाने पर ले जा रही थी तो शाहनवाज पुलिस की गाड़ी से कूदकर फरार हो गया।
मोहम्मद इमरान खान और मोहम्मद साकी से पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला कि दोनों सुफा टेररिस्ट गैंग का हिस्सा हैं। अप्रैल 2022 में राजस्थान में एक कार में विस्फोटक मिलने के मामले में वहां की पुलिस उन्हें ढूंढ रही है। तब, पुलिस ने इस मामले को पुणे आइएसआइएस मॉड्यूल केस नाम दिया। इस केस में पुलिस ने तीन और आतंकियों को मोस्ट वांटेड लिस्ट में रखा था। इनके नाम हैं- पुणे का तल्हा लियाकत खान और दिल्ली का रिजवान अब्दुल हाजी अली और अब्दुल्ला फैयाज शेख।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी का कहना है कि इमरान, यूनुस और शाहनवाज के लिंक पुणे की आइटी फर्म में काम करने वाले इंजीनियर जुल्फिकार अली बोर्डवाला से हैं। जुल्फिकार को आइएसआइएस से जुड़े एक केस में 3 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। वो मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी के एक अधिकारी ने बताया कि जुल्फिकार ही इस केस का मास्टरमाइंड और फाइनेंसर है। उसने इमरान, यूनुस और शाहनवाज को ट्रेनिंग दिलवाई और पैसे भिजवाए थे। इमरान तक पैसे पहुंचाने वाला कदीर दस्तगीर पठान को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। चारों से हुई पूछताछ में राष्ट्रीय जांच एजेंसी को डॉ. अदनान का नाम मिला। इसके बाद एनआईए ने उसके फ्लैट पर छापा मारा तो आइएसआइएस से जुड़े दस्तावेज मिले।
एनआईए ने अदनान के सभी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स जब्त कर लिए। सेंट्रल जांच एजेंसी से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि अदनान के पास मिले डॉक्यूमेंट से पता चला कि उसका संबंध आइएसआइएस से है। इसमें गरीब नौजवानों को आतंकी संगठन से जोड़ने की डिटेल भी है। इसके अलावा 4 आरोपियों से यहूदी कम्युनिटी सेंटर की फोटो मिली है। इससे साफ हो गया कि आईएसआईएस के निशाने पर भारत ही नहीं, इजरायल के लोग भी हैं।
--आईएएनएस
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