रांची । झारखंड में सत्ता से लेकर
ब्यूरोक्रेसी के गलियारे में ऊंची पहुंच रखने वाले ठेकेदार-कारोबारी प्रेम
प्रकाश के ठिकानों पर बुधवार को ईडी की छापेमारी में दो एके-47 राइफलों और
60 कारतूस की बरामदगी के मामले में अब नया ट्विस्ट आ गया है। एक तरफ जहां
इस मामले की एनआईए जांच की मांग हो रही है, वहीं दूसरी रांची पुलिस ने दावा
किया है कि ये दोनों राइफल और कारतूस उसके दो जवानों के हैं।
रांची पुलिस ने इस लेकर एक प्रेस नोट जारी किया है। इसमें बताया गया है कि
एक दिन पहले यानी 23 अगस्त को बारिश में फंस जाने की वजह से जवानों ने
प्रेम प्रकाश के मकान में एक अलमारी में हथियार और कारतूस रख दिये थे।
प्रेम प्रकाश का स्टाफ जवानों का परिचित है, इसलिए दोनों रात में अपने
हथियार वहां छोड़कर चले गये थे। बुधवार को जब वे वापस वहां हथियार लेने
पहुंचे तो पता चला कि ईडी की छापामारी चल रही है। रांची पुलिस ने ईडी को
पत्र लिखकर दोनों राइफल और कारतूस वापस करने का आग्रह किया है। पुलिस ने यह
भी कहा है कि जवानों द्वारा प्रेम प्रकाश के घर हथियार रखना उनकी घोर
लापरवाही है। इसलिए दोनों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
प्रेम
प्रकाश के यहां से पुलिस के हथियारों की बरामदगी और अब उसे लेकर रांची
पुलिस की थ्योरी पर सवाल खड़े हो रहे हैं। आखिर पुलिस के जवान अपने
हथियारों को किसी दूसरे व्यक्ति के घर के अलमारी में कैसे रख सकते हैं? और
वह भी ऐसे व्यक्ति के घर पर, जिसके खिलाफ ईडी जैसी एजेंसी ने तीन माह पहले
भी छापामारी की थी। गौरतलब है कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रेम प्रकाश के
ठिकानों पर ईडी ने बीते 25 मई को भी छापामारी की थी। उसके यहां से कई
दस्तावेज और तस्करी करके लाया गया एक कंबोडियन भी बरामद किया गया था। ईडी
से उससे कई राउंड की पूछताछ भी की थी।
बुधवार को दूसरी बार ईडी ने
प्रेम प्रकाश और उससे जुड़े लोगों के दो दर्जन ठिकानों पर छापामारी की तो
सत्ता और सियासत के गलियारे में यह खबर जंगल में आग की तरह फैली। इसी बीच
दो एके-47 की बरामदगी की सूचना और तस्वीरें आईं तो राज्य की प्रमुख विपक्षी
पार्टी भाजपा ने सीधे राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को निशाने पर
लिया।
पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल
मरांडी ने कहा कि प्रेम प्रकाश के यहां से एके 47 की बरामदगी बताती है कि
यह राजनीति के अपराधीकरण और आतंकवाद से जुड़ा मामला है। उन्होंने एक ट्विट
में लिखा, सुना है दलालों के सरगना प्रेम प्रकाश को बचाने के लिए झारखंड
पुलिस एक फिल्मी कहानी की पटकथा लिख रही है। बॉडीगार्डस के नाम एके-47,
उसकी तैनाती किसी दूसरे के साथ, काम किसी तीसरे के साथ और मालखाना प्रेम
प्रकाश का घर। अब ये साफ लग रहा है कि राज्य के मुख्यमंत्री जो कि गृह
मंत्री भी हैं, की देखरेख में ही सरकारी हथियारों का भी अवैध गलत इस्तेमाल
करवाया जा रहा होगा? और हो न हो उग्रवादियों-आतंकवादियों तक की सरकारी
हथियारों तक पंहुच होगी? एनआईए इस मामले को गंभीरता से लें और गहराई से
इसकी जांच करें।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने ट्वीट किया, "झारखंड
के मुख्यमंत्री जी और उनके पारिवारिक मित्र अमित अग्रवाल जी के सहयोगी
झारखंड के दलालों के सरगना प्रेम प्रकाश जी के यहां ईडी ने एके-47 बरामद
किया है। इसकी जांच एनआईए को अपने हाथों में लेना चाहिए।"
इधर,
झारखंड सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर
से एक प्रेस नोट जारी कर राज्य में चल रही ईडी की छापेमारी के संदर्भ में
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का नाम आरोपी के साथ जोड़े जाने के मामले पर गहरी
आपत्ति जतायी गयी है। कहा गया है कि यह किसी भी राज्य सरकार के मुख्यमंत्री
के सार्वजनिक पद की गरिमा का पूर्ण उल्लंघन है। झारखंड सरकार ने भारत
सरकार की एजेंसियों द्वारा की गई सभी जांच और कार्रवाई में अब तक हरसंभव
सहयोग प्रदान किया है। इस मामले में कुछ मीडिया प्लेटफॉर्म भी मुख्यमंत्री
को बदनाम करने वाला पोस्ट कर रहे हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। इस मामले में
उचित कानूनी कार्रवाई की जायेगी।
--आईएएनएस
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