पार्टी नेता ने कहा, "उनकी इस मांग पर रांची में मौजूद होने के बावजूद तेजस्वी संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में शामिल नहीं हुए।"
उन्होंने कहा कि राजद की गैरमौजूदगी के कारण राज्य में महागठबंधन के भविष्य पर सवाल उठ गया था।
उन्होंने
कहा, "हालांकि तब रिम्स में भर्ती लालूजी ने तेजस्वी को झामुमो प्रमुख
हेमंत सोरेन और कांग्रेस नेताओं से बात करने के लिए राजी किया।"
उन्होंने
कहा, "लालू जी को पता था कि अगर तेजस्वी अपनी जिद पर अड़े रहे तो विधानसभा
चुनाव से पहले विपक्ष टूट जाएगा, जिससे भाजपा की जीत की राह आसान हो
जाएगी।"
फोन पर आईएएनएस से बात करते हुए राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश
प्रसाद सिंह ने कहा, "लालूजी के अनुभव ने महागठबंधन को बचा लिया और उनके
अनुभव ने ही घमंडी भाजपा को हराने में महागठबंधन की मदद की।"
उन्होंने
कहा कि उचित समय पर लालू के दखल के कारण राज्य में भाजपा विरोधी दल एक
हुए, क्योंकि उन्होंने तेजस्वी को राजद के लिए सात सीटों का फॉर्मूला मानने
के लिए सहमत कर लिया था।
--आईएएनएस
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