पटना/रांची। चारा घोटाले के एक मामले में झारखंड के रांची में बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में सजा काट रहे राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद को बड़ा झटका लगा है। झारखंड हाईकोर्ट ने शुक्रवार को देवघर कोषागार से अवैध निकासी मामले में लालू यादव की जमानत याचिका खारिज कर दी है। इस फैसले के बाद अब लालू को जेल में ही होली मनानी पड़ेगी। चारा घोटाले के देवघर और चाईबासा कोषागार मामले में सीबीआई कोर्ट ने लालू प्रसाद को साढ़े तीन साल और पांच साल की सजा सुनाई है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस फैसले को उन्होंने हाईकोर्ट में चुनौती दी है। लालू की ओर से देघघर मामले में जमानत याचिका दायर की गई थी। सुनवाई के दौरान जबलपुर कोर्ट के वकील राजेंद्र सिंह ने हाईकोर्ट में लालू प्रसाद की ओर से दलील रखी। लेकिन, हाईकोर्ट ने उनकी दलील मानने से इनकार कर दिया। दूसरी ओर डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित मामले में लालू प्रसाद सहित अन्य आरोपी सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश प्रदीप कुमार कि अदालत में पेश हुए।
इस मामले में सीबीआइ की ओर से गवाही दर्ज होनी थी, लेकिन गवाह नहीं पहुंचे। इस कारण गवाही नहीं हो सकी। अदालत ने गवाहों पर सख्ती जताते हुए उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। जिन गवाहों के खिलाफ वारंट जारी किया गया है उसमें बिहार स्थित गया के डीटीओ खुर्शीद आलम अंसारी और उत्तर प्रदेश स्थित एटा के रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी का नाम शामिल है।
अमरावती हत्याकांड: एनआईए ने महाराष्ट्र में कई जगहों पर ली तलाशी
सलमान खान के वकील को मिली जान से मारने की धमकी
रामविलास की सियासी विरासत पर कब्जे को लेकर चाचा, भतीजा में मची है होड़
Daily Horoscope