नई दिल्ली। झारखंड विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने नारा दिया था, 'अबकी बार 65 पार।' लेकिन, लगता है इस बार पार्टी का गणित गलत हो गया है। आईएएनएस-सी वोटर-एबीपी एग्जिट पोल के अनुसार, जहां पार्टी ने 2014 में 37 सीटें जीती थीं और बाद में अपनी ताकत 44 सीटों की करने में सफल हुई थी, वहीं इस बार वह 32 सीटों पर सिमट सकती है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
कई कारणों के चलते भाजपा की भविष्यवाणी से इतर परिणाम आने की संभावना है। इनमें मुख्यमंत्री रघुबर दास की विश्वसनीयता का कम होना और झामुमो प्रमुख हेमंत सोरेन की 'भगवा पहने' वाली टिप्पणी शामिल है। इसके अलावा और आदिवासी और ओबीसी कार्ड भी है।
मुख्यमंत्री रघुबास दास की विश्वसनीयता कम हुई है। आदिवासी बहुल राज्य में एक गैर-आदिवासी मुख्यमंत्री को पूरी तरह से अपनाना वैसे भी दिक्कततलब है। इस पर से उनकी प्रशासनिक क्षमताओं की कमी ने भी लोगों का मोह उनसे भंग किया।
कपिल सिब्बल ने कहा- कांग्रेस छोड़ दी, निर्दलीय के रूप में राज्यसभा के लिए भरा नामांकन
केंद्रीय मंत्री आर सी पी सिंह ने नीतीश से मतभेद को नकारा, कहा, 'भाजपा, जदयू का रिश्ता पुराना'
एनआईए ने यासीन मलिक को मौत की सजा देने का किया अनुरोध
Daily Horoscope