रांची। झारखंड में चुनावी रणभेरी बजने के साथ ही सभी राजनीतिक दलों ने संग्राम के लिए राजनीतिक 'योद्धाओं' की तलाश तेज कर दी है। अभी तक जो स्थिति उभरी है, उसमें यह माना जा रहा है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और विपक्षी दलों के महागठबंधन के बीच आमने-सामने की लड़ाई होगी। लेकिन दोनों गठबंधन सीटों की दावेदारी से परेशान है। सत्ताधारी भाजपा की सहयोगी पार्टी ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन (आजसू) ने भी 'डबल डिजिट' का दावा कर भाजपा को चुनाव के पूर्व 'भंवर' में डाल दिया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
भाजपा के सूत्रों की मानें तो भाजपा पिछले विधानसभा की तर्ज पर सीट बंटवारा चाहती है, जिसे आजसू ने सीधे तौर नकार दिया है। आजसू के नेता कहते हैं कि पिछले पांच सालों के बीच काफी कुछ बदलाव आया है।
आजसू के अध्यक्ष सुदेश महतो कहते हैं कि 2014 में स्थिर सरकार देने के लिए आजसू ने बड़ी कुर्बानी दी थी। इस बार भाजपा से नए सिरे से सीटों को लेकर बातें करनी होगी। उन्होंने कहा कि इस बार सीट बंटवारे को लेकर प्रदेश भाजपा के नेताओं के साथ उनका मंथन जारी है। उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि अभी तक बात नहीं बनी है, अब सीटों के बंटवारे को लेकर दिल्ली के साथ बात होनी है।
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