रांची। झारखंड में डीजे बजाने पर विवाद खड़ा हो गया है। राज्य सरकार ने धार्मिक जुलूसों को लेकर जो ताजा गाइडलाइन जारी की है, उसमें डीजे और पहले से रिकॉर्डेड गाने बजाने पर रोक लगा दी गयी है। इस आदेश पर धार्मिक संगठनों के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी को सख्त एतराज है। हजारीबाग क्षेत्र के भाजपा विधायक मनीष जायसवाल ने इस मुद्दे पर झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। अदालत से आग्रह किया गया है कि आगामी 10 अप्रैल से लेकर 12 अप्रैल तक रामनवमी महोत्सव के उपलक्ष्य में निकाली जाने वाली शोभायात्राओं में डीजे बजाने की अनुमति दी जाये। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
चैत्र रामनवमी पर राज्य के प्राय: सभी इलाकों में विशाल शोभायात्राएं निकाली जाती हैं। हजारीबाग में लगातार तीन दिनों तक निकलने वाले जुलूस में लाखों की तादाद में लोग नाचते-बजाते शामिल होते हैं। रांची में भी महाअष्टमी को झांकियों के साथ और रामनवमी को विशाल महावीरी पताकों के साथ शोभायात्राएं निकलती हैं। इसके अलावा जमशेदपुर, पलामू, रामगढ़, चतरा, लोहरदगा, झुमरी तिलैया में भी यह त्योहार जबर्दस्त उल्लास के साथ मनता है। कोविड प्रतिबंधों की वजह से पिछले दो साल शोभायात्राएं नहीं निकाली जा सकीं। इस बार सरकार ने कई प्रतिबंधों के साथ जुलूस की इजाजत दी है।
रामनवमी पर जुलूस निकालने वाली अखाड़ा समितियां सरकारी आदेश का विरोध कर रही हैं। डीजे और प्री-रिकॉर्डेड गाने बजाने पर रोक के आदेश पर सबसे ज्यादा एतराज है। रांची और हजारीबाग की रामनवमी महासमितियों ने इसे लेकर सरकार के पास भी विरोध दर्ज कराया है। उनका कहना है कि जुलूस में डीजे पर धार्मिक गीत ही बजते हैं। यह परंपरा के साथ-साथ आस्था का भी विषय है। हजारीबाग में रामनवमी का जुलूस पूरी रात सड़कों पर रहता है। सरकार की गाइडलाइन में शाम छह बजे के बाद जुलूस निकालने पर रोक लगाई गई है। रामनवमी और अखाड़ा कमेटियों के लोग इसपर भी विरोध जता रहे हैं।
इस बीच हजारीबाग के भाजपा विधायक मनीष जायसवाल ने झारखंड हाईकोर्ट में दाखिल की गयी याचिका में कहा है कि राज्य सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग ने 31 मार्च 2022 को कोविड के मद्देनजर जो गाइडलाइन जारी किया है, उसमें डीजे पर प्रतिबंध का आदेश अव्यावहारिक है। एक तरफ केंद्र सरकार ने कोविड को लेकर सभी प्रतिबंध उठा लिये हैं, तो दूसरी तरफ झारखंड में बेतुके आदेश जारी किये जा रहे हैं। संविधान सभी समुदायों को अपने तरीके से धार्मिक आयोजन की इजाजत देता है। आपदा प्रबंधन विभाग के पास ऐसा कोई डेटा नहीं है कि डीजे बजाने से कोरोना फैलेगा। इसलिए इस आदेश को निरस्त किया जाना चाहे। बहरहाल, अदालत में इस मामले पर सुनवाई की तारीख फिलहाल तय नहीं हुई है।
--आईएएनएस
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