सूत्रों का दावा है कि झाविमो अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी भाजपा में जाने का मन
बना चुके हैं। झाविमो विधायक प्रदीप यादव पार्टी के विलय के पक्ष में नहीं
हैं जबकि विधायक बंधु टिर्की भी किसी सूरत में भाजपा में जाने के लिए
तैयार नहीं हैं। इससे झाविमो में किचकिच बढ़ सकती है। सूत्रों की मानें तो
पार्टी में किचकिच बढ़ी तो बाबूलाल मरांडी विधायक पद से इस्तीफा भी दे सकते
हैं।
फिलहाल इस पूरे प्रकरण में बाबूलाल मरांडी की चुप्पी से उहापोह
बरकरार है। बाबूलाल के मौजूदा रुख पर प्रदीप यादव ने दो टूक कहा कि बाबूलाल
की बातें बाबूलाल ही जानें। यादव हालांकि यह स्वीकार करते हैं कि पार्टी
विलय की दिशा में आगे बढ़ रही है। बहरहाल झाविमो के विलय की बात और उसके
अस्तित्व को लेकर पार्टी के भीतरखाने चर्चाओं का बाजार गर्म है।
उल्लेखनीय
है कि पांच जनवरी को झाविमो की कार्यसमिति भंग हो चुकी है। अब पार्टी का
विलय होगा अथवा नए सिरे से कार्यसमिति बनेगी, कार्यकर्ता असमंजस में हैं।
उल्लेखनीय है कि झाविमो ने हालिया विधानसभा चुनाव में तीन ही सीटें जीती
थी।
(IANS)
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